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    ठाणे: बोगस जाति प्रमाणपत्र (Bogus Caste Certificate) पेश कर वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कनिष्ठ कर्मचारियों तक इस प्रकार 49 लोगों ने ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) में नौकरी (Job) हासिल की है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयानुसार ऐसे कर्मचारियों पर ठगी का मामला दर्ज कर सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिए जाने के बावजूद अभी तक उक्त सभी कर्मचारी महानगरपालिका की सेवा में कार्यरत है। हालांकि महानगरपालिका प्रशासन (Thane Municipal Administration) का तर्क है कि इस संदर्भ में महानगरपालिका की तरफ से जुलाई, 2020 में शासन के पास सूची (List) भेजी गई है। शासन स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है और अब समिति के रिपोर्ट का इंतजार है और रिपोर्ट आने के बाद तत्काल उपर्युक्त कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही। 

    ठाणे महानगरपालिका के एक ही विभाग में पिछले कई वर्षों से काम करने वाले 170 कर्मचारियों का तबादला महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. विपिन शर्मा ने किया है। जबकि 16 लोगों को पदोन्नति भी किया गया। जिसके पश्चात अब महानगरपालिका प्रशासन की तरफ लापरवाही बरतने वाले और एक ही विभाग में वर्षों से काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ फर्जी प्रमाण पत्र पेश करने नौकरी हासिल करने वाले 49 लोगों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने का मन बनाया है। भले इन कर्मचारियों का भविष्य शासन के पाले हैं, लेकिन गठित समिति के पास महानगरपालिका प्रशासन ने जुलाई, 2020 में रिपोर्ट में सूची भेजा है।

    कई कर्मचारी और अधिकारी हो चुके है सेवानिवृत्त 

    महानगरपालिका द्वारा पेश की गई सूची में कई ऐसे भी अधिकारी और कर्मचारी है जो कि सेवानिवृत्त भी हो चुके है। ऐसे कर्मचारियों के विरूद्ध महानगरपालिका प्रशासन क्या कार्रवाई करेगी जहां सभी की निगाहें टिकी हैं, वहीँ जो कर्मचारी-अधिकारी महानगरपालिका में काम कर रहे है ऐसे लोगों को महानगरपालिका की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, उल्टा इन्हें महानगरपालिका प्रशासन की तरफ अतिरिक्त श्रेणी में डालकर नियमित वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है। 

    यह है मामला?

    महानगरपालिका की सेवा में वर्तमान समय में 49 कर्मचारियों और अधिकारियों  जाति प्रमाण पात्र की जांच करने के बाद फर्जी पाया गया है। इसमें एक वैद्यकीय अधिकारी, एक कार्यकारी अभियंता, 18 लिपिक, 03 फायरमैन, 3 वाहन चालक, 2 मुकादम, एक सिपाही का समावेश है। यह संपूर्ण प्रकरण उच्च न्यायालय में गया था। इसके बाद न्यायालय ने जाति वैधता प्रमाणपत्र अवैध होने के कारण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी। हालांकि न्यायालय ने इन कर्मचारियों और अधिकारियों को 11 महीने की कालावधि दी थी। जिसके बाद राज्य शासन ने एक कमेटी गठित किया है और अब गेंद कमिटी के पाले में है। 

    कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के 54 कर्मचारियों और अधिकारियों का भी समावेश 

    इसी प्रकार का बोगस जाति प्रमाण पत्र पेश कर सिर्फ ठाणे महानगरपालिका में ही नौकरी लेने के आलावा कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका में इस प्रकार का प्रकरण सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका में 54 कर्मचारियों ने भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश कर नौकरी पाई है और इनकी भी जांच की जा रही है। इन कर्मचारियों का भी भविष्य शासन द्वारा नियुक्ति कमेटी के पाले में है।