Lakshmi Niwas Building

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कल्याण: कल्याण पश्चिम स्थित मैन बाजार नारायण बाड़ी रेलवे स्टेशन रोड परिधान शोरूम के सामने साल 2014 से खाली पड़ी और दिसंबर 2015 से कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (KDMC) द्वारा अति धोखादायक (जर्जर) घोषित की जा चुकी हैं फिर भी अभी तक जर्जर हालत (Dangerous Building) में खड़ी हुई यह इमारत (Building) किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही हैं। लक्ष्मी निवास इमारत (Lakshmi Niwas Building) के मालिक वसंत कुमार ठक्कर (Vasant Kumar Thakkar) ने कई बार कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका प्रशासन से उक्त इमारत लक्ष्मी निवास को तोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन महानगरपालिका प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इमारत के कुछ किरायेदार कोर्ट में गए हैं और वह इमारत को तोड़कर फ्री में घर बनाकर देने की मांग कर रहे हैं। ग्राउंड प्लस 3 लक्ष्मी निवास इमारत में एक दुकान और 34 फ्लैट हैं।  करीब 66 साल पुरानी यह इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है और खाली पड़ी है। आने वाले मानसून में कभी भी गिर सकती हैं, जिससे आसपास बाजार और भीड़भाड़ वाला परिसर होने के चलते लोगों की जान को खतरा बना हुआ हैं।

कोर्ट में चल रहा है मामला

लक्ष्मी निवास के फ्लैट नंबर 20 और 22 के किरायेदार मोतीलाल भीमजी निसर, फ्लैट नंबर 21 के किरायेदार मुल्तानमल गोमाजी, फ्लैट नंबर 25 के किरायेदार गणेशमल जीवाजी और अन्य के साथ 21 किरायेदार कोर्ट में गए हैं और उनकी मांग हैं कि केडीएमसी और इमारत मालिक हमें फ्री में नया घर बनाकर दें। यानी किरायेदार, कोर्ट और केडीएमसी के चक्कर में सालों से खाली पड़ी जर्जर लक्ष्मी निवास इमारत किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रही हैं।

…तो केडीएमसी प्रशासन होगा जिम्मेदार

लक्ष्मी निवास इमारत के मालिक वसंत कुमार ठक्कर का कहना है कि किसी बड़ी दुर्घटना को टालने के लिए हमने कई बार केडीएमसी प्रशासन से जर्जर इमारत को तोड़ने की गुहार लगाई, लेकिन केडीएमसी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।  केडीएमसी कमिश्नर को किसी बड़ी दुर्घटना को टालने के लिए तोड़ू कार्रवाई करने का विशेषाधिकार हैं। आने वाले मानसून में कोई दुर्घटना होती तो केडीएमसी प्रशासन जिम्मेदार होगा।

कोर्ट से अनुमति मिलते ही तोड़ू कार्रवाई की जाएगी

इस बारे में जब कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के सहायक आयुक्त तुषार सोनवणे से संपर्क किया गया और कहा गया कि केडीएमसी किसी बड़ी दुर्घटना को टालने के लिए मानसून से पहले जर्जर इमारतों की लिस्ट बनाकर उन्हें निष्कासित करने की कार्रवाई करती हैं, मगर सालों से खाली पड़ी जर्जर लक्ष्मी निवास विल्ड़िंग को क्यों नही तोड़ा जा रहा तो उन्होंने कहा कि उक्त इमारत के किरायेदार कोर्ट में गए हैं। हमने कोर्ट में अर्जी कर परमिशन मांगी हैं। कोर्ट से अनुमति मिलते ही तोड़ू कार्रवाई की जाएगी।