Bhiwandi Municipal Corporation

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    भिवंडी : शहर में हो रहे अवैध निर्माण (Illegal Construction) की वजह से महानगरपालिका (Municipal) खजाने को करोड़ों (Crores) का चूना लग रहा है। महानगरपालिका क्षेत्रीय अधिकारियों (Municipal Regional Officers) की मिलीभगत से हो रहे इमारतों के अवैध निर्माण की वजह से शहर का होने वाला सर्वांगीण विकास अवैध निर्माण की भेंट चढ़ा है। जागरूक शहरवासियों की शिकायत के उपरांत भी महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) अवैध निर्माण के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं करता जिससे अवैध निर्माण में लिप्त बिल्डरों के हौसले बुलंदी पर हैं।

    गौरतलब हो कि महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत 1 से 5 प्रभाग समितियों की सीमा में सैकड़ों की संख्या में बिल्डरों द्वारा अवैध इमारतों का निर्माण किया जा रहा है।अवैध निर्माण में लिप्त बिल्डर लाबी महानगरपालिका प्रशासन से बगैर परमिशन लिए ही बेखौफ होकर इमारतों का निर्माण कर कम भाव में फ्लैट को बेचकर पैसा कमा रहे है। शहर में हो रहे अवैध निर्माण की वजह से महानगरपालिका खजाने को करोड़ों का चूना लग रहा है।

    बिल्डरों द्वारा इमारत निर्माण के लिए महानगरपालिका नगर रचना विभाग से परमिशन नहीं लेने की वजह से डेवलपमेंट चार्ज का करोड़ों रुपया प्रतिवर्ष डूबने की वजह से महानगरपालिका की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है। जागरूक शहरवसियों का आरोप है कि अवैध निर्माण की शिकायत करने के बावजूद क्षेत्रीय महानगरपालिका अधिकारी अवैध निर्माण रोकने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाते है। अवैध इमारत निर्माण करने वालों से महानगरपालिका अधिकारियों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ रहती है जिसके कारण संबंधित अधिकारी बिल्डर और जमीन मालिक को नोटिस देकर तोडू कार्यवाही से बचने का रास्ता भी बिल्डर को बताकर चुप बैठ जाते हैं। शिकायतकर्ता भी अधिकारियों के पास जा जाकर थक हार कर बैठ जाता है। कई शिकायतकर्ताओं ने बताया कि अवैध निर्माण की शिकायत करने पर महानगरपालिका अधिकारी बिल्डर को बता देते हैं जिससे बिल्डरों की धमकियां भी मिलती हैं।

    महानगरपालिका प्रशासन अवैध निर्माण को लेकर गंभीर नहीं 

    जागरूक शहरवसियों का आरोप है कि महानगरपालिका हद्द स्थित सभी प्रभाग समितियों अंतर्गत क्षेत्र में भारी संख्या में अवैध रूप से इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। अवैध निर्माण में लिप्त बिल्डरों द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग और निर्माण कार्यों को घटिया तरीके से अंजाम देने से निर्मित इमारतें 5 – 10 साल में ही धराशाई हो जाती है। अवैध इमारत में रहने वाले हजारों लोगों का जीवन असुरक्षित है। शहर में कई अवैध इमारतें धराशाई हुई जिसमें दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। आश्चर्यजनक तथ्य है कि महानगरपालिका प्रशासन पूर्णतया नजरअंदाज कर रहा है और अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है। अगर समय रहते अवैध निर्माण पर सख्ती से अंकुश नहीं लगाया गया तो भिवंडी शहर का सर्वांगीण विकास बाधित होने से कोई रोक नहीं सकता है। शहर के जागरूक नागरिकों ने महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख से महानगरपालिका खजाने की मजबूती और शहर के सर्वांगीण विकास की खातिर शहर में चल रहे तमाम अवैध निर्माणों पर सख्ती बरते जाने की मांग की है।

    उक्त संदर्भ में महानगरपालिका उपायुक्त (अतिक्रमण) दीपक पुजारी का कहना है कि अवैध निर्माण कर्ताओं को महानगरपालिका कानून के तहत नोटिस दी जा रही है। महानगरपालिका प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों को अवैध निर्माण रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए है। अवैध निर्माण कार्यों में लिप्त बिल्डर सहित प्रश्रय देने वाले अधिकारी, महानगरपालिका कर्मी को कदापि बख्शा नहीं जाएगा।