जानें क्यों कलवा के मरीजों को इलाज के लिए मुंबई के सायन अस्पताल में भेजा जा रहा है

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    ठाणे : ठाणे (Thane) महानगरपालिका (Municipal Corporation) के कलवा (Kalwa) स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) अस्पताल (Hospital) में इलाज (Treatment) के लिए आने वाले मरीजों (Patients) को वहां बिना इलाज के सीधे बाहर से मुंबई का रास्ता दिखाया जाता है। इसके लिए यहां पर एल रैकेट काम कर रहा है।

    उक्त सनसनीखेज का आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नगरसेविका और महानगरपालिका की पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रमिला केणी ने लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उस समय संबंधित विभाग ने कहा कि अस्पताल में जूनियर छात्र उपलब्ध नहीं होते है। फिर भी मरीजों को बाहर भेजना ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाएगा कि ऐसा दोबारा न हो।

    महानगरपालिका की महासभा की बैठक में  अस्पताल का मुद्दा उठाते हुए प्रमिला केणी ने महानगरपालिका प्रशासन पर कलवा अस्पताल की उपेक्षा का सीधा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों के भोजन में भी लार्वा पाए जाते हैं और दीवारों पर लगी टाइल्स गिर जाती है। इतना ही नहीं वहां आने वाले मरीजों का भी समय पर इलाज नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जब कोई मरीज इलाज कराने आता है तो उसे सीधे मुंबई के सायन अस्पताल जाने की सलाह भी दी जाती है।

    जूनियर छात्र परीक्षा के कारण घर जा चुके है

    उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इस अस्पताल में जब एक मरीज का पैर फिसल गया और वह यहां इलाज कराने आया तो उस मरीज को डॉक्टर और सामग्री उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर मुंबई भेज दिया गया। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि अस्पताल में क्या हो रहा है। और ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। जिसके बाद इस संदर्भ में महापौर नरेश म्हस्के ने भी प्रशासन से जवाब मांगा है। जिस पर स्वास्थ्य विभाग के उपायुक्त मनीष जोशी ने कहा कि अस्पताल में जूनियर और सीनियर छात्र है। जूनियर छात्र परीक्षा के कारण घर जा चुके है। साथ ही इनकी संख्या भी कम है। यह गंभीर मामला है और मरीजों को अब बिना इलाज के बाहर नहीं भेजा जाएगा।