जानें क्यों कोर्ट ने जब्त की सिडको की चल संपत्ति

  • 1.50 करोड़ का भुगतान करने का निर्देश
  • 30 मार्च तक का दिया समय

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नवी मुंबई : अधिग्रहित भूमि (Land Acquired) के लिए अदालत के आदेश के बावजूद सिडको द्वारा भूमि के मालिक (Land Owner) को बढ़ा हुआ मुआवजे देने में आनाकानी की जा रही थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट (Court) द्वारा सिडको (CIDCO) की कुछ चल संपत्तियों (Movable Property) को जब्त किया है। इस मामले में कोर्ट ने सिडको को 30 मार्च तक का समय देते हुए मुआवजे की पूरी राशि यानी 1 करोड़ 54 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया।

गौरतलब है कि सिडको द्वारा वर्ष 1986 में उरण के कराल गांव में ओंकार ठाकुर की 34 गुंठा जमीन का अधिग्रहण किया था। उस समय सिडको द्वारा भूमिधारक को मुआवजे के तौर पर 4.85 रुपए प्रति वर्ग मीटर का भुगतान किया गया था। इसके खिलाफ ओंकार ठाकुर ने  कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, इस मामले में कोर्ट ने वर्ष 2014 में फैसला सुनाया कि भूमिधारक को 600 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए। इसके बावजूद सिडको द्वारा कोर्ट के उक्त आदेश पर अमल नहीं किया गया। इस मामले में 3 बार नोटिस देने के बावजूद सिडको द्वारा भूमि धारक ओंकार ठाकुर को कोई जवाब नहीं दिया गया।

ठाकुर ने कोर्ट में फिर लगाई थी गुहार

 सिडको के उक्त रवैए को लेकर ठाकुर ने कोर्ट में फिर गुहार लगाई, जिसके बाद कोर्ट ने शुक्रवार को सिडको के सीबीडी कार्यालय की 50 कुर्सियों, 10 टेबल, 10 अलमारी, 5 कंप्यूटर, फैक्स मशीन और पंखे सहित अन्य सामान को जब्त किए हैं। यह जानकारी ठाकुर के वकील चंद्रशेखर वाडकर ने मीडिया को दी। वाडकर ने बताया कि मुआवजे के लिए सिडको को पहले ही कई नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन सिडको ने उसपर ध्यान नहीं दिया। इस बार जब्ती के लिए कोर्ट से आए बेलीफ ने सिडको से बिना कोई कारण सुने सीधी कार्रवाई की है।