Dangerous Buildings in Mumbai
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    कल्याण : अति धोखादायक (जर्जर) (Dilapidated) हो चुकी ओम शिव जगदंबा अपार्टमेंट (Om Shiv Jagdamba Apartment) में अपनी जान जोखिम में डाल कर रह रहे रहीवासियों (Residents) की जिंदगी बचाने के लिए कल्याण की सामाजिक संस्था परहित चेरीटेबल सोसायटी के अध्यक्ष विशाल कुमार गुप्ता ने महाराष्ट्र राज्य शासन और प्रशासन से उक्त जर्जर इमारत के निष्कासन की कार्रवाई करने की मांग की हैं। साथ ही स्ट्रक्चर टेस्ट के बाद अति जर्जर घोषित करने और लाईट-पानी कट करने के बाद भी उक्त इमारत के निष्कासन की कार्रवाई नहीं करने वाले महानगरपालिका के जिम्मेदारअधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की हैं। 

    परहित चेरीटेबल सोसायटी के अध्यक्ष विशाल कुमार गुप्ता द्वारा महाराष्ट्र के गृह विभाग और नगरविकास विभाग के मुख्य सचिव के साथ ही कोंकण विभागीय आयुक्त, ठाणे जिला अधिकारी को लिखे पत्र में कहा गया हैं कि सी ब्लॉक गुरु द्वारा के पास उल्हासनगर 1 स्थित ओम शिव जगदंबा अपार्टमेंट के स्टेक्चरल इंजीनियर (आर्किटेक्ट) नितिन नंदवानी द्वारा किए गए आरसीसी स्ट्रक्चर टेस्ट में उक्त इमारत को अति धोखड़ायक (जर्जर) बताया गया हैं और उल्हासनगर महनगरपालिका द्वारा भी जर्जर घोषित किया गया साथ कई बार नोटिस देने के बाद लाईट-पानी कनेक्शन भी काटा गया। लेकिन राजनीतिक लोगों के दखल के बाद फिर लाईट-पानी की लाइन जोड़ ली जाती हैं। जिससे उक्त इमारत में कुछ परिवार रह रहे हैं। जिनमें अधिकतर किरायेदार हैं जिनका जीवन जोखिम में पड़ा हुआ हैं। 

    लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए

    विशाल कुमार गुप्ता का कहना हैं कि इससे पहले उल्हासनगर में महनगरपालिका प्रशासन द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं करने और अधिकारियों की लापरवाही के चलते दर्जनों जर्जर इमारतें धराशायी हो चुकी है और उनमें दब कर कई दर्जन बेगुनाह लोगों की जान जा चुकी है ऐसा और कोई हादसा हो इससे पहले अति धोखादायक ओम शिव जगदंबा अपार्टमेंट सहित उल्हासनगर में अन्य ऐसी जर्जर इमारतों पर समय रहते निष्कासन की कार्रवाई की जानी चाहिए और अपने आर्थिक लाभ के चलते कार्रवाई नहीं करने वाले महानरपालिका के जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जिससे शहर में कोई अन्य जर्जर इमारत गिरने का हादसा नहीं हो और अन्य किसी बेगुनाह की जान नहीं जाए। इस बारे में महानगरपालिका कमिश्नर अजीज शेख से मिलना चाहा लेकिन वह कार्यालय में उपस्थित नहीं थे और उनसे कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। 

    कोई दुर्घटना होती है तो महानगरपालिका प्रशासन जिम्मेदार होगा

    इस बारे में प्रभाग अधिकारी अजीत गोवारी से बात की गई और पूछा गया कि उक्त इमारत के निष्कासन की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? अन्य इमारतों की तरह कोई हादसा हुआ तो महानगरपालिका प्रशासन ही जिम्मेदार होगा? तो अजीत गोवारी ने कहा कि उसमें लोग रह रहे है वह खाली नहीं कर रहे हैं उनकी भी जवाबदारी हैं फिर भी हम देखते है।