अनलॉक 2 में सहूलियतों की आस, पर सख्ती से हो सुरक्षा नियमों का पालन

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कल्याण. करीब साढ़े 3 महीने से लॉक डाऊन में अपनी जमापूंजी खर्च कर ठनठन गोपाल बन चुके खाली हाथ बैठे अधिकांश लोग धंधेपानी को फिर से शुरू करने के लिए अनलॉक 2  से काफी सहुलियों की आस लगाए बैठे हैं ताकि फिर से कामधंधा शुरू कर अपनी रोटी रोजी की व्यवस्था कर सकें. पूरी तरह लड़खड़ा गई अपनी आर्थिक स्थित को फिर से पटरी पा ला सकें, इसके लिए यातायात सुविधा के साथ ही निजी कंपनी, कार्यालयों एवं छोटे मोटे धंधों को करने के लिए सरकारी अनुमति की जरूरत है. लेकिन कल्याण डोंबिवली मनपा क्षेत्र में तेजी से रफ्तार पकड़े कोरोना से कल्याण डोंबिवली करों की आशाओं पर पानी फेरने में लगा है. काफी लोगों का यह भी मानना है कि जान है तो जहान है, अभी यह हाल है तो और सहूलियतें मिलने पर क्या होगा. कोरोना के कहर को देखते हुए और सुविधा सहूलियतों की जगह अति आवश्यक सेवा और वस्तुओं के अलावा बाकी सभी बंद कर  कम से कम 15 दिनों तक के फिर से कड़ा  लॉकडाउन  कर सभी सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन किया जाये और जब तक कोरोना का प्रभाव कम नहीं हो तब तक लॉक डाऊन ही रखा जाये तो ही बेहतर रहेगा.

अपने अपने गांव पलायन करने के बाद बाकी बचे छोटा मोटा काम धंधा करने वालों जैसे लॉन्ड्री, स्त्री (प्रेस) की दुकान, सैलून, बड़ापाव, नास्ता, पानीपुरी, निजी कंपनी, कार्यालय, मॉल सिनेमा हॉल, शादी हॉल, होटल रेस्टोरेंट, ढाबों, चायनीज़ आदि से जुड़े कर्मचारियों को आस लगी है कि उक्त प्रतिष्ठान पहले की तरह शीघ्र खोलने की अनुमति दी जाये औऱ आवागमन की सुविधा सुचारू रूप से बहाल की जाए, जिससे वह फिर से अपनी रोटी रोजी पर जा सके और भूखों मरने की कगार पर खड़े अपने और अपने परिवार के लिए निवाला की व्यवस्था हो सके. 

सहूलियत मिलने पर लोग जेल में से छूटने की तरह भागने लगते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग आदि सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते, कुछ लोग तो मास्क भी नहीं लगाते हैं,  जिसका नतीजा यह है कि कल्याण डोंबिवली मनपा क्षेत्र के अंतर्गत एक दिन में 323 तक कोरोना पॉजिटिव मरीज बढ़ रहे हैं और 6 मौतें हो रही हैं. अगर और अधिक सहूलियत और छूट दी गई तो एक दिन में एक हजार मरीज बढ़ सकते हैं और एक दिन मृतकों की संख्या दर्जनों में हो सकती है. इस पर अंकुश लगाने कमसे कम 15 दिनों का और कड़ा लॉक डाऊन किया जाना चाहिए

-वसंत भाई ठक्कर, 

समाजसेवक व्यापारी कल्याण

गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे ऐसे में वो चाहते है कि अनलॉक 2 में सहूलतें दी जाएं, जिससे वह काम धंधा शुरू कर अपने जीवन की गाड़ी को पटरी पर ला सकें, किंतु कल्याण डोंबिवली में जिस तेजी से कोरोना मरीजों में बढ़ोत्तरी हो रही है और मृतकों की संख्या बढ़ रही है इसको देखते हुए सख्ती से लॉक डाऊन की जरूरत है और लोग खुद जागरूकता दिखाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क  लगाने के साथ ही सभी सुरक्षा  नियमों का पालन करें. बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों, क्लासेस को तो किसी भी हालत में नहीं खोला जाना चाहिए, जब तक स्थित में सुधार नहीं होता, तब तक भिवंडी, अंबरनाथ की तरह कल्याण डोंबिवली में सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए कुछ जरूरी क्षेत्र को छोड़ बाकी क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर लॉक डाऊन सख्ती से लगाना चाहिए 

 -अरुण कुमार  उपाध्याय 

 संचालक 

 प्रशांत हिंदी विद्यालय विठ्ठलवाड़ी