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ठाणे (महाराष्ट्र), महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2018 में अपने पड़ोस में रहने वाली 13 वर्षीय लड़की से छेड़छाड़ करने के जुर्म में एक व्यक्ति को तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से जुड़े मामले की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के न्यायाधीश वी. वी. विरकर ने 17 मई को अपने आदेश में आरोपी पर 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अदालत के फैसले की प्रति मंगलवार को जारी की गई। विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि लड़की और आरोपी ठाणे शहर के वर्तक नगर इलाके में एक ही इमारत में रहते थे। उन्होंने बताया कि लड़की जब भी घर से बाहर जाती थी तो वह उसका पीछा करता था और उससे कहता था कि उससे शादी करना चाहता है। लड़की ने उसकी हरकतों का कोई जवाब नहीं दिया। आरोपी ने बार-बार उसके साथ छेड़छाड़ की जिसके बाद जनवरी 2018 में उसके माता-पिता ने उसे उत्तर प्रदेश में अपने गृह नगर भेज दिया। अभियोजक ने बताया कि डर और आरोपी द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने के कारण उसने स्कूल जाना भी बंद कर दिया।

उन्होंने बताया कि मई 2018 में लड़की वापस ठाणे आई तब भी आरोपी का वही रवैया रहा, यहां तक कि उसने उसके परिवार को भी आगाह किया कि अगर उन्होंने उससे शादी नहीं करने दी तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके बाद लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

हिवराले ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला साबित करने के लिए पीड़िता और उसकी मां सहित कुल आठ गवाहों ने बयान दर्ज कराए। न्यायाधीश ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया और कहा कि अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ सभी आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया है। अभियोजक ने बताया कि घटना के समय आरोपी अविवाहित था और मामले की सुनवाई के दौरान उसने शादी कर ली।