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    ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत एक 40-वर्षीय आरोपी व्यक्ति को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। बचाव पक्ष के वकील पुनीत माहिमकर की ओर से रविवार को दी गयी जानकारी के अनुसार, मकोका से संबंधित मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश ए. एन. शिरसीकर ने शनिवार को अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष जेल में बंद आरोपी मोहम्मद नदीम मर्चेंट उर्फ नदीम चिकना के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रहा है।

    अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि आरोपी ठाणे के मुंब्रा इलाके में और उसके आसपास आपराधिक गिरोह चलाता था और बिल्डर, होटल कारोबारियों, आम नागरिकों, व्यापारियों और मीडियाकर्मियों से वसूली करता था। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपी और उसके सहयोगी लोगों को जान से मारने की धमकी भी देते थे।

    दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि अभियोजन पक्ष इस मामले में आरोपी के खिलाफ यह सबूत देने में नाकाम रहा है कि वह वसूली करता था। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता पत्रकार अदालत में आरोपी को पहचानने में नाकाम रहा और पुलिस ने उसकी कोई चल-अचल संपत्ति कुर्क नहीं की थी।

    माहिमकर ने बताया कि न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय दिया कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रहा है और इसलिए उसे (आरोपी को) बरी किया जाता है।