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ठाणे: महाराष्ट्र (Maharashtra) के ठाणे जिले (Thane district) की एक अदालत ने एक व्यक्ति और उसके परिवार के पांच सदस्यों को दहेज के लिए विवाहिता की हत्या करने के आरोप से बरी कर दिया है। अदालत ने 2014 के इस मामले में आरोपियों को संदेह का लाभ दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रचना आर. तेहरा (Judge Rachna R. Tehra) की अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा है। अदालत ने 13 मार्च को आदेश पारित किया था, जो शनिवार को उपलब्ध हुआ।   

पीड़िता ने व्यक्ति से 2005 में शादी की थी। व्यक्ति की आयु वर्तमान में 43 वर्ष है। आदेश में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि विवाह के बाद पीड़िता अपने पति और ससुराल वालों के साथ मुंब्रा में रहती थी। दंपति की दो बेटियां और एक बेटा है। आदेश में कहा गया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार शादी के एक साल बाद से ही महिला के ससुराल वाले उसके साथ बुरा बर्ताव करने लगे और जमीन खरीदने के लिए उसके माता-पिता से 10 लाख रुपये की मांग को लेकर उसे (महिला) शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि आरोपियों ने मार्च 2014 में रंजनोली नाका के पास एक ‘दुपट्टे’ की मदद से महिला का गला घोंट दिया और उसके शव को एक बोरे में डालकर एक नाले में फेंक दिया। बचाव पक्ष की ओर से पेश वकील एम. जेड. शेख और नदीम खान ने दावे का विरोध किया और दलील दी कि पीड़िता की मौत में आरोपियों की कोई भूमिका नहीं थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। (एजेंसी)