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    भिवंडी : भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र (Bhiwandi Municipal Corporation Area) अंतर्गत रहिवासी क्षेत्रों (Residential Areas) में खसरा महामारी (Measles Epidemic) से 2 बच्चियों की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। खसरा पीड़ित दोनों बच्चियों को अस्पताल (Hospital) में उपचार के लिए भर्ती थी जहां उनकी मौत हो गई है। खसरा से हुई मौत की वजह से शहर के लोगों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर घबराहट फैली है। 

    महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत खसरा के 386 संदिग्ध मरीज हैं। 121 मरीजों का ब्लड सैंपल जांच के लिए हाफकिन इंस्टिट्यूट मुंबई भेजा गया है। शहर में कुल 44 मरीज खसरा से पीड़ित हैं। 44 खसरा पीड़ित मरीजों में से 13 मरीजों को जन्म से ही खसरा का टीका नहीं लगने से बीमारी का जन्म होना बताया जाता है। मनपा प्रभारी आरोग्य अधिकारी डॉ. बुशरा सैयद ने बताया कि झोपड़ पट्टी परिसर न्यू आजाद नगर निवासी सकीना (6) की मुंबई कस्तूरबा अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। नदी नाका सलामतपुर निवासी फातिमा (14) की कलवा छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई है। डॉक्टर बुसरा सैयद ने बताया कि महानगरपालिका स्वास्थ्य विभाग द्वारा 244 टीमें बनाई गई हैं। स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर-घर जाकर खसरा पीड़ितों की पहचान कर 24 घंटे में 2 डोज विटामिन का दिया जा रहा है। 5 से 9 वर्ष के बच्चों को खसरा का टीकाकारण किया जा रहा है। 

    बीमारी से निपटने प्रशासन तैयार

    महानगरपालिका कमिश्नर विजय कुमार म्हसाल ने खसरा बीमारी से बचाव के लिए शहरवासियों से आह्वान किया है कि खसरा बीमारी की आशंका होने पर आशा वर्कर और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर विशेषज्ञ डॉक्टरों को दिखाकर उपचार प्राप्त करें। खसरा बीमारी से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।  खसरा बीमारी से बचाव के लिए शारीरिक स्वच्छता परिसर स्वच्छता और टीकाकरण बेहद जरूरी है। महानगरपालिका प्रशासन खसरा बीमारी की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। खसरा बीमारी के बढ़ते प्रकोप से शहरवासियों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्याप्त है।