उल्हासनगर स्टेशन पर बने स्काईवॉक की जिम्मेदारी अब महानगरपालिका की

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    उल्हासनगर : स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर में पैदल यात्रियों (Pedestrians) की सुविधा के मद्देनजर 12 साल पहले बनाए गए स्काईवॉक (Skywalk) के रखरखाव के संदर्भ में मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) (MMRDA) ने अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए बताया कि उल्हासनगर स्टेशन (Ulhasnagar Station) पर बने स्काईवॉक को वर्ष 2017 में उल्हासनगर महानगरपालिका प्रशासन (Ulhasnagar Municipal Administration) को सौंप दिया गया है। इसकी देखभाल करना अब उल्हासनगर महानगरपालिका की जवाबदेही है। 

    गौरतलब है कि एक हात मदतीचा नामक शहर की एक सामाजिक संस्था की ओर से उल्हासनगर के स्काईवॉक का निरीक्षण किया गया था। ऊक्त संस्था ने वहां का दौरा करने के बाद देखा कि स्काईवॉक पर अनेक जगह शेड टूट चुका है, पर्याप्त बिजली की रोशनी नहीं है, कई जगह टाइल्स उखड़ चुकी है, रेलिंग भी खराब होने को है, स्काईवॉक पर सुरक्षा रक्षक न होने से अब तक कई बार लड़कियों और महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें हो चुकी है, स्काईवॉक पर नशेड़ियों को भी देखा जा सकता है। इस तरह के गंभीर विषय को संस्था द्वारा सार्वजनिक करते हुए संगठन के माध्यम से मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण को जवाबतलब करते हुए एक पत्र भेजा गया था। पत्र के जवाब में प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता एसू ​​तितरे ने पत्र भेजकर बताया है कि उल्हासनगर पूर्व-पश्चिम का स्काईवॉक वर्ष 2017 में ही उल्हासनगर महानगरपालिका को हस्तांतरित कर दिया गया है। इसलिए आगामी सभी उपाययोजना और कार्य उल्हासनगर महानगरपालिका से कराए जाने की उम्मीद है। 

    हात मदतीचा के अध्यक्ष विजय कदम ने ऊक्त मुद्दे पर इस संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा की शहर के लाखों लोगों की सुविधा के लिए 2010 में बने स्काईवॉक की मरम्मत का काम अब होना जरूरी है, एमएमआरडीए ने स्पष्ट कर दिया है की हमने महानगरपालिका प्रशासन को 5 साल पहले ही ऊक्त स्काईवॉक हस्तांतरित कर दिया है। इसलिए उल्हासनगर महानगरपालिका प्रशासन को चाहिए की शहर के नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए स्काईवॉक की मरम्मत का काम शुरू करवाए।