Municipal Corporation takes action against those who install pumps in Navi Mumbai, 4 booster pumps s

  • 450 एमएलडी हर दिन होती है जलापूर्ति
  • 88 मीटर है मोरबे की जल संचय क्षमता

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नवी मुंबई : नेरुल (Nerul) विभाग के सेक्टर- 16,16 ए, 18, सारसोले और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले कुछ लोगों ने महानगरपालिका (Municipal Corporation) के जल वाहिनी से पाइप लाइन (Pipeline) जोड़ लिया था। इन लोगों द्वारा इस पाइप लाइन से बूस्टर पंप की मदद से पानी खींचने का काम किया जा रहा था, जिसकी वजह से उक्त क्षेत्र में रहने वाले अन्य लोगों  के घरों में कम प्रेशर से जलापूर्ति (Water Supply) हो रही थी, जिसकी शिकायत मिलने पर महानगरपालिका के संबंधित विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र के 4 घरों में बूस्टर पंप से जुड़ी पाइपलाइन को काटने और पंप को जब्त करने का काम किया गया है।

गौरतलब है कि महानगरपालिका अपने मालिकाना वाले मोरबे जलाशय से अपने क्षेत्र में हर दिन 450 एमएलडी पानी की आपूर्ति करती है। 88 मीटर के जल संचय की क्षमता वाले मोरबे में जलाशय में भरपूर पानी है, इसके बावजूद महानगरपालिका के नेरुल विभाग में के तहत आने वाले सेक्टर-16, 16 ए, 18, सारसोले और आसपास के क्षेत्रों में कम प्रेशर के साथ जलापूर्ति होने की शिकायतें महानगरपालिका कमिश्नर अभिजीत बांगर को मिल रही थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए महानगरपालिका कमिश्नर बांगर ने कम प्रेसर से होने वाली जलापूर्ति के कारणों का पता लगाने का निर्देश महानगरपालिका के संबंधित विभाग को दिया था।

जांच के दौरान बूस्टर पंप का चला पता

महानगरपालिका कमिश्नर के निर्देश का पालन करते हुए महानगरपालिका के नेरुल विभाग के जलापूर्ति विभाग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने नेरुल के सेक्टर- 16, 16 ए, 18, सारसोले और आसपास के क्षेत्रों में नल कनेक्शन जांच अभियान शुरू किया। इस अभियान के दौरान पता चला कि महानगरपालिका द्वारा जिन घरों में सीधे तौर से जलापूर्ति की जा रही है, उसमें से कुछ लोगों ने खुद पानी का ज्यादा लाभ उठाने के लिए जलवाहिनी से अतिरिक्त पाइप लाइन जोड़कर बूस्टर पंप लगाया है, जिसकी वजह से उक्त क्षेत्र में कृत्रिम जल संकट पैदा हो गया है। जिसे दूर करने के लिए जलवाहिनी से जुड़ी पाइप को काटने और बूस्टर पंप को जब्त करने की कार्रवाई महानगरपालिका के संबंधित विभाग द्वारा की गई।

महानगरपालिका क्षेत्र के गांवों में पुराने घरों की जगह पर लोगों ने 2 से 3 मंजिली इमारत बना लिया है, ऐसी इमारतों में दुकानें भी बनाई गई है, जिसकी वजह से निवासी पानी का उपयोग कमर्शियल तौर से हो रहा है। इस कारण से महानगरपालिका को आर्थिक नुकसान हो रहा है। झोपड़पट्टियों में भी कुछ लोगों ने अपने झोपड़े को एक मंजिला बना रहा है, ऐसे लोग तल मंजिल में कमर्शियल का काम कर रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर महानगरपालिका क्षेत्र के गांवों और झोपड़पट्टियों में स्वतंत्र जल शुल्क लागू किया गया है। इससे जहां लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार पानी मिलेगा, वहीं महानगरपालिका की आय भी बढ़ेगी।

- अभिजीत बांगर, कमिश्नर, नवी मुंबई महानगरपालिका

जल वितरण प्रणाली में किया जा रहा सुधार

गौरतलब है कि नवी मुंबई महानगरपालिका के तहत आने वाली झोपड़पट्टी और गांवों में जल वितरण प्रणाली को सुधारने और पानी की चोरी को रोकने के लिए महानगरपालिका कमिश्नर बांगर द्वारा अहम फैसला लिया गया है। मौजूदा समय में उक्त क्षेत्रों में पुरानी जलवाहिनी से जलापर्ति की जा रही है, जिसका उपयोग 1 से अधिक परिवार अब करने लगे हैं, जिसकी वजह से पानी का प्रेशर कम हो जाता है, ऐसी पुरानी जल वाहिनी को बदलकर ज्यादा व्यास की जलवाहिनी बिछाने का निर्णय महानगरपालिका कमिश्नर बांगर द्वारा लिया गया है। साथ ही उक्त क्षेत्रों के नल कनेक्शन धारकों के लिए स्वतंत्र जल शुल्क भी तय किया गया है।