ठाणे : शहर की सुरक्षा (Security) के साथ-साथ अपराध (Crime) पर लगाम लगाने के लिए शहर में विभिन्न जगहों पर कैमरे (Cameras) लगाए गए हैं। हालांकि ये सभी कैमरे हज़ूरी के डेटा सेंटर से जुड़े हैं, लेकिन चौंकाने वाला तथ्य यह है कि एक घटना का सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) केवल सात दिनों तक ही चल सकता है।
अर्थात कैमरों से क्लिक किए गए फुटेज की क्षमता सिर्फ सात दिनों की है। इसका खुलासा स्थाई समिति की बैठक में खुद अध्यक्ष सजी भोईर ने करते हुए कहा कि यदि बड़ी घटना होने पर 7 दिन बाद भी कोई सबूत नहीं बचा तो ऐसी व्यवस्था पर पैसा क्यों खर्च किया गया? साथ ही उन्होंने डाटा सेंटर का ठेका रद्द करने और संबंधित सलाहकार से बिल वसूलने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि अपराध पर नजर रखने के लिए नगरसेवक कोष के साथ-साथ स्मार्ट सिटी के माध्यम से महत्वपूर्ण स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों को हज़ूरी में उर्दू स्कूल के परिसर के मैदान में डेटा सेंटर के माध्यम से नियंत्रित किया जा रहा है। स्थाई समिति की बैठक में नगरसेवकों ने आरोप लगाया है कि इनमें से ज्यादातर कैमरे बंद हैं। इस डेटा सेंटर के लिए ठाणे महानगरपालिका द्वारा एक सलाहकार भी नियुक्त किया गया था। सलाहकारों पर अब तक अरबों खर्च किए जा चुके हैं। हालांकि, स्थायी समिति की बैठक में यह खुलासा हुआ कि जिस उद्देश्य से यह डाटा सेंटर बनाया गया है वह विफल हो गया है।
फुटेज को स्टोर करने की क्षमता केवल सात दिनों की है
इस दौरान स्थायी समिति अध्यक्ष संजय भोईर ने खुद इस मुद्दे को उठाते हुए प्रशासन के संबंधित विभाग से सवाल किया कि एकाध घटना घटी और कैमरे में वह घटना कैद हुई तो यह कितने दिनों तक स्टोरेज में रह सकता है? जिसके बाद महानगरपालिका आईटी विभाग के प्रमुख स्वरूप कुलकर्णी ने सवाल का जवाब देते हुए स्वीकार किया कि फोटो और फुटेज को स्टोर करने की क्षमता केवल सात दिनों की है। जिसे लेकर स्थाई समिति अध्यक्ष ने इसे महानगरपालिका के साथ धोखा करार दिया और तत्काल डेटा सेंटर का ठेका रद्द करने और संबंधित ठेकेदार और सलाहकार से बिल की राशि वसूल करने का निर्देश प्रशासन को दिए।