ठाणे : ठाणे के अतिरिक्त सत्र और विशेष पोस्को कोर्ट (Court) के न्यायाधीश वीवी वीरकर ने शनिवार को 35 वर्षीय पिता (Father) को अपनी ही नाबालिग बेटी (Minor Daughter) को धमकाने और गाली देने का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद (Life Prison) की सजा सुनाई है। रेखा हिवराले ने इस मामले में लोक अभियोजक के रूप में काम किया।
यह 2017 में भिवंडी में हुआ था। पीड़ित लड़की की उम्र भी 16 साल है और घर में सभी के सो जाने पर उसके पिता उसे पीट-पीटकर गाली-गलौज करने की धमकी देता तह। इसलिए घर में काम नहीं करने पर उसकी मां उसे पीटती थी। इससे तंग आकर वह घर से भाग गई। इसी बीच एक बार रात में जब वह एक घर के पास गई तो उस घर की महिला उसे अंदर ले गई और उससे पूछताछ की। उस समय उसने कहा था कि वह घर से भाग गई थी क्योंकि उसके पिता उसे गालियां दे रहा था।
ठाणे कोर्ट में चार्जशीट दाखिल
इसके मुताबिक पीड़िता ने उस महिला की मदद से भिवंडी शांतिनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसी के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर हत्यारे के पिता को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करने के बाद ठाणे कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। यह मामला जज वीवी वीरकर की अदालत के सामने आया। अदालत ने सरकारी वकील रेखा हिवराले द्वारा आठ गवाहों की गवाही के साथ पेश किए गए सबूतों को स्वीकार करते हुए आरोपी पिता को उम्रकैद और दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। आदेश में यह भी कहा गया है कि जुर्माने की राशि नहीं देने पर 100 दिन का साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।