एनसीपी ने ठाणे में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई की प्रतिमा पर चप्पल मार कर किया प्रदर्शन, केंद्र और राज्य से कार्रवाई की मांग

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    ठाणे : बेंगलुरू (Bangalore) में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की मूर्ति (Sculpture) पर स्याही (Ink) डालने की घटना के बाद से कर्नाटक (Karnataka) और महाराष्ट्र (Maharashtra) की सीमावर्ती इलाकों में तनाव का माहौल है। वहीं अब इसका असर ठाणे में भी देखा गया। एनसीपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, राज्य के गृहनिर्माण डॉ. जितेंद्र आव्हाड के आदेश पर जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे के मार्गदर्शन में आंदोलन किया गया।

    इस समय कार्यकर्ताओं ने जहां छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले का दूध से अभिषेक किया। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तस्वीर पर चप्पलों से पिटाई कर अपना निषेध जताया। इसी तरह मनसे ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के तस्वीर पर कालिख पोतकर विरोध प्रदर्शन किया। यह आंदोलन मनसे जनहित विधि विभाग के शहर अध्यक्ष स्वप्निल महिंद्रकर के नेतृत्व में मनसे के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ नारेबाजी की।

    अब महाराष्ट्र के लोग भड़क गए है

    हालांकि पुलिस की तरफ से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। कर्नाटक की राजधानी में 17वीं सदी के राजा की एक मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस घटना के बाद बेलगावी में आधी रात के करीब भीड़ ने पुलिस और सरकारी वाहनों पर पथराव किया गया था। बेलगावी सहित सीमावर्ती क्षेत्रों को को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक में विवाद है। इस बीच यह घटना हुई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने चौंकाने वाला बयान दिया था कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अपमान एक मामूली मामला है। जिसे लेकर अब महाराष्ट्र के लोग भड़क गए है।

    दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें

    एनसीपी की ठाणे इकाई ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मुख्यमंत्री बसवराज का निषेध करते हुए उनके फोटो पर चप्पलो से पिटाई की और फिर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का दूध से अभिषेक किया। इस दौरान एनसीपी के कार्यकर्ता कर्नाटक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आए। इस मौके पर एनसीपी के शहर महासचिव प्रभाकर सावंत ने बेंगलुरु में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को तोड़े जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि बेंगलुरु का उदय शाहजी राजे के कारण हुआ था। साथ ही उन्होंने मांग की है कि केंद्र और कर्नाटक सरकार इस पर गंभीरता से संज्ञान लें और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें।

    छत्रपति के नाम से सत्ता में आए हैं

    अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष मुफ्ती सैयद अशरफ ने कहा कि नरेंद्र मोदी छत्रपति के नाम से सत्ता में आए हैं। हालांकि उनके बीजेपी राज्य में इन लोगों ने ये हरकत की। हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। इस आंदोलन में महिला नगर अध्यक्ष सुजाता घग, कार्यकारी अध्यक्ष सुरेखाताई पाटिल, रवींद्र पलव, संदीप जाधव, परिवहन सदस्य नितिन पाटिल, कैलाश हावले, मुफ्ती अशरफ, गजानन चौधरी, विनोद उटेकर, दिलीप नाइक शामिल हैं।