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    ठाणे : गरीबों को घर दिलाने का सपना दिखाने वाली बीजेपी सरकार (BJP Government) और प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) का सपना महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) के लापरवाही भरे निर्णय से टूटकर चकनाचूर हो गया है। दरअसल, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ ( Pradhan Mantri Awas Yojana) की शुरुआत होने के बाद ठाणे जिला प्रशासन द्वारा महानगरपालिका को सुझाए गया भूखंड (Plots) या तो योजना के लिए बनने वाले घरों के लिए पर्याप्त नहीं है या फिर कुछ भूखंड पर अतिक्रमण किया गया है। इसी वजह से पिछले 5 वर्षों से भूखंड न मिलने के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ठाणे में एक भी घर नहीं बसाया गया है। जबकि यह योजना अब बंद हो गई। 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक भारत के हर एक गरीब को घर दिलाने का सपना दिखाया था। इसके तहत प्रधान मंत्री आवास योजना को भी शुरू किया गया। इस योजना के तहत ठाणे महानगरपालिका की तीन परियोजनाओं में से शहर से दूर दिवा प्रभाग समिति के अंतर्गत आने वाले बेतावड़े में दो और डावले में एक परियोजना के तहत निजी विकासकों द्वारा सैकड़ों घरों का निर्माण किया जाना तय है। म्हातारडी स्थित परियोजना के लिए महानगरपालिका को अब तक भूखंड नहीं मिला है। भूखंड न मिलने की वजह से परियोजना लटक गई है। बीते नवंबर महीने में महानगरपालिका ने शील के तलाठी से मुलाकात कर डावले स्थित सरकार के दो भूखंडों का वास्तविक निरीक्षण किया। हालांकि इन दोनों प्लॉट का कुल क्षेत्रफल पांच हजार 625 वर्ग मीटर है। परियोजना के लिए उक्त भूखंड छोटा है। इसलिए महानगरपालिका लगातार भूखंड के लिए ठाणे जिला प्रशासन के पास प्रयत्न कर रही है। 

    क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना?

    प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निजी भूमि पर निजी विकासकर्ताओं द्वारा पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के माध्यम से आवासों का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए चार बार टेंडर नोटिस प्रकाशित किए गए। निजी विकासकर्ताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

    केंद्रीय मंत्री ने किया था सर्वे!

    हाल ही में केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परियोजना की समीक्षा की थी। बेतवाड़े में सर्वे नं 78 और सर्वे नं 15/1 इन दो भूखंडों सहित डावले गांव में सर्वे क्रमांक 199 पर परियोजनाओं पर चर्चा हुई। म्हातारडी स्थित परियोजना गांव सर्वे नंबर 95/1 भूखंड पर मौजूद है। उक्त भूखंड परियोजना प्रभावित भूखंड है इसलिए जिला प्रशासन से उक्त भूखंड लेने की प्रक्रिया शुरू है। वहीं इस भूखंड के बदले अन्य किसी भूखंड पाने के लिए मनपा प्रयत्न कर रही हैं।