महानगरपालिका मुख्यालय स्थित विविध कामगार युनियनों के कार्यालयों को खाली करने का नोटिस, मचा हड़कम

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    उल्हासनगर : उल्हासनगर महानगरपालिका मुख्यालय (Ulhasnagar Municipal Corporation Headquarters) में कार्यरत कर्मचारियों (Working Employees) के बीच कार्यरत विविध 7 यूनियनों (Unions) के कार्यालय है, इन कार्यालयों (Office) को सात दिन के भीतर खाली करने की नोटिस (Notice) महानगरपालिका कमिश्नर डॉ. राजा दयानिधि (Commissioner Dr. Raja Dayanidhi) द्वारा दी गई है। इस नोटिस का अब यूनियनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। 

    विविध यूनियन के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से मुख्यालय में गेट मीटिंग और महानगरपालिका प्रशासन को चेताया कि यदि नोटिस वापस नहीं ली तो महानगरपालिका में सभी कर्मचारी अपनी मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन भी करने का निर्णय लेने पर बाध्य होंगे। जानकारी के मुताबिक अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस, लेबर फ्रंट, भारतीय कामगार कर्मचारी महासंघ, महाराष्ट्र नव निर्माण कामगार संघटना इस तरह यह 4 यूनियन का महापालिका मुख्यालय में कार्यालय है। 

    महाराष्ट्र में यह पहली घटना होगी  

    इस संदर्भ में लेबर फ्रंट कामगार यूनियन के अध्यक्ष श्याम गायकवाड़ ने कहा कि पिछले 40 साल से भी अधिक समय से लेबर फ्रंट महानगरपालिका के कामगारों के हक्क और न्याय के लिए संघर्ष कर रही है, गायकवाड़ ने कहा कि महानगरपालिका में ठेका पद्धति से कामगारों को लिया जा रहा है, 1500 कर्मचारियों के पद रिक्त है, कामगारों को सातवें वेतन आयोग का बकाया अभी तक अदा नहीं किया गया। जिसकी राशि 72 करोड़ है, कामगारों की पदोन्नती रुकी है। इस सभी के निदान के लिए महानगरपालिका कमिश्नर कुछ नहीं कर रहे। बल्कि कामगारों की लड़ाई लड़ने वाली युनियनों को हटाने के पीछे लगे है। कामगार नेता श्याम गायकवाड़ का कहना है कि वह नोटिस से डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि यूनियन के कार्यालय को हटाने की जो नोटिस दी गई है शायद महाराष्ट्र में यह पहली घटना होगी। वही लेबर फ्रंट के अध्यक्ष श्याम गायकवाड़ की ही तरह अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के अध्यक्ष चरणसिंह टाक, भारतीय कामगार कर्मचारी महासंघ के राधाकृष्ण साठे, महाराष्ट्र नवनिर्माण कामगार सेना के अध्यक्ष दिलीप थोरात आदि का भी निर्णय है। इस संदर्भ में  महानगरपालिका के किसी भी अधिकारी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।