APMC-Onion

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-राजीत यादव

नवी मुंबई: मौजूदा समय में जहां भंगार को 30 रुपए किलो का दाम मिल रहा है, वहीं रद्दी 15 रुपए किलो बिक रही है, जबकि शीशा की खाली बोतल 2 रुपए में बिक रही है। इसके साथ ही बोतल बंद पानी 15 से 20 रुपए लीटर बिक रहा है। इस पानी की तुलना में किसानों का (Farmers) पसीना सस्ते दाम में बिक रहा है क्योंकि जिस प्याज (Onions) को उगाने के लिए किसान अपना पसीना बहाते हैं, उसे वाशी (Vashi) स्थित एपीएमसी (APMC) की आलू-प्याज की मंडी में 1 से 14 रुपए किलो का ही दाम मिल रहा है।

वाशी स्थित एपीएमसी की आलू-प्याज की मंडी में महाराष्ट्र के नासिक और अहमदनगर जिले से किसानों द्वारा लगाया गया प्याज आता है। जिसे लगभग एक साल से अच्छा दाम नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से हर दिन लगभग 20 से 22 गाड़ी प्याज बिना बिके ही मंडी में शेष पड़ा रहता है। जो किसानों के साथ-साथ व्यापारियों के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है। शनिवार को वाशी स्थित एपीएमसी की आलू-प्याज की मंडी में 23 हजार 577 बोरी प्याज की आवक हुई। जिसमें से लगभग 3,000 बोरी प्याज को खरीददार नहीं मिले।

नंबर वन प्याज 11 से 14 रुपए किलो

शनिवार को वाशी स्थित एपीएमसी की आलू-प्याज की मंडी में नंबर वन प्याज को 11 से 14 रुपए किलो का दाम मिला। वहीं नंबर 2 का प्याज 9 से 11 रुपए किलो बिका। जबकि नंबर 3 का प्याज 7 से 8 रुपए किलो बेचा गया। वहीं कम गुणवत्ता वाले प्याज को 5 से 6 रुपए, 3 से 4 रुपए और 1 से 3 रुपए किलो का दाम मिला। जिसकी वजह से किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पाई। मंडी में हर दिन भारी मात्रा में प्याज शेष बचने की वजह से व्यापारियों के सामने इसके भंडारण की समस्या दिनों दिन गंभीर बनती जा रही है।

बेमौसम बारिश की वजह से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से मंडी में 80 प्रतिशत क्षतिग्रस्त प्याज आ रहा है, जिसे खरीदने से लोग कतरा रहे हैं। इस तरह के प्याज का लंबे समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता है, जिसकी वजह से क्षतिग्रस्त प्याज को औने पौने दाम में बेचना किसानों और व्यापारियों की बेबसी है।

-मनोहर तोतलानी, आलू-प्याज के थोक व्यापारी, एपीएमसी, वाशी