Opposition leaders protested outside the commissioner office for water

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    ठाणे : पिछले कई दिनों से ठाणे (Thane) सहित मुंब्रा, दिवा, कलवा क्षेत्रों में पानी की किल्लत के कारण आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। अब इसी बीच इन क्षेत्रों अब गंदा (मटमैला) पानी आपूर्ति होने का मामला सामने आया है। ऐसे में मुंब्रा वासियों की पानी की समस्या दूर करने और स्वच्छ पानी की आपूर्ति की मांग को लेकर महानगरपालिका के विरोधी पक्ष नेता अशरफ शानू पठान (Ashraf Shanu Pathan) ने महानगरपालिका कमिश्नर के कार्यालय के बाहर आंदोलन किया। लगातार दो घंटे किए इस आंदोलन के बाद आखिरकार अतिरिक्त आयुक्त (Additional Commissioner) संदीप मालवी (Sandeep Malvi) द्वारा पानी की समस्या को दूर करने का आश्वासन मिलने के बाद पठान ने अपना आंदोलन वापस लिया। 

    वर्तमान समय में एमआयडीसी की तरफ से पुराने पाइप लाइन को बदलने का काम तेजी से शुरू है। लेकिन इस काम को करने के दौरान बीच-बीच में पाइप लाइन के टूटने और पानी का रिसाव अधिक संख्या में होने का मामला भी सामने आ रहा है। जिसका असर एमआईडीसी द्वारा की दी जारही क्षेत्रों की जलापूर्ति पर भी पड़ रहा है। परिणाम स्वरूप, ठाणे के वागले इस्टेट, मुंब्रा, कलवा और दिवा परिसर में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लिया है। यहाँ पर आए दिन पानी की कटौती से यहाँ के आम नागरिकों पानी की बंद बोतलों और टैंकरों की पानी आपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ दो से तीन दिन के अंतराल के बाद किसी तरह पानी की आपूर्ति हो रही है तो वह भी नलों में गंदा पानी आ रहा है। मुंब्रा और कलवा में पानी की अनियमित आपूर्ति को लेकर राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड भी पिछले सप्ताह महानगरपालिका को फटकार लगा चुके है। लेकिन स्थिति जस-की-तस बनी हुई है।   

    इस दरम्यान पानी के इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को महानगरपालिका के विरोधी पक्ष नेता अशरफ शानू पठान ने महानगरपालिका मुख्यालय में स्थित महानगरपालिका कमिश्नर कार्यालय के बाहर तकरीबन एक बजे आंदोलन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो जाता या फिर कोई हल नहीं निकल जाता तब तक वे आंदोलन पर बैठे रहेंगे। इसके बाद करीब दो घंटे के अंतराल के बाद महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी आंदोलन की जगह पर पहुंचे। मालवी के साथ पानी आपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता विनोद पवार भी मौजूद थे। दोनों ने विरोधी पक्ष नेता को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पानी का प्रेशर बढ़ाया जाएगा और यहां के पानी की टंकी की समस्या को दूर किया जाएगा। जिससे नागरिकों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो पाए। इसके बाद विरोधी पक्ष नेता ने आना आंदोलन वापस लिया।