ठाणे के कामगार अस्पताल का गिरा स्लैब का हिस्सा, एक व्यक्ति घायल

    Loading

    ठाणे : ठाणे के वागले इस्टेट (Wagle Estate) स्थित कामगार अस्पताल (Kamgar Hospital) की तीसरी मंजिल पर छत की सुरक्षा दीवार का स्लैब गिर (Slab Fall) गया। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक घटना में 73 वर्षीय विमल शेट्टी (Vimal Shetty) मामूली रूप से घायल (Injured) हो गए। 

    ठाणे में कामगार अस्पताल का स्लैब गिरने की सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ और ठाणे महानगरपालिका के सहायक आयुक्त लोकमान्य सावरकर नगर प्रभाग समिति और वागले इस्टेट प्रभाग समिति के सहायक आयुक्त और दमकल विभाग के अधिकारी और जवान मौके पर पहुंचे। हालांकि, इसमें कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यहां रहने वाले 73 वर्षीय विमल शेट्टी की ठुड्डी पर मामूली चोट आई है। जिन्हें इलाज के लिए नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ठाणे महानगरपालिका आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि सुरक्षात्मक दीवार स्लैब का एक हिस्सा गिर गया है और बाकी खतरनाक स्थिति में है। 

    ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उपकेंद्र होंगे सौर ऊर्जा से लैस 

    ठाणे जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 50 उपकेंद्र अब सौर ऊर्जा से लैस होंगे। ऐसे में इन क्षेत्रों में बिजली गुल होने की समस्या भी दूर होगी। ठाणे जिले में 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और पांच तालुकों में 190 उप-केंद्र हैं। उक्त सभी स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर, मुरबाड़, कल्याण, भिवंडी और अंबरनाथ तालुका में मौजूद हैं। ग्रामीण इलाकों में मौजूद इन स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली की आपूर्ति बाधित न हो और स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहे इसलिए जिला स्वास्थ्य परिषद ने ठाणे जिले के गिने चुने स्वास्थ्य केंद्रों में सौर ऊर्जा परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के शुरू होने से स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली गुल की समस्या का अंत तो होगा। वहीं मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। इतना ही नहीं परियोजना के शुरू होने से कुछ हद तज बिजली बिल की बचत भी होगी। प्रथम चरण में जिला परिषद के कोष से 20 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई है। इसी निधी से 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद सौर्य ऊर्जा परियोजना का मरम्मत कर सब फिर शुरु किया जाएगा। जबकि 50 उपकेंद्रों ने नए सौर्य ऊर्जा परियोजना की शुरूवात की जाएगी। सभी कार्यों के लिए लगभग ढाई करोड़ रुपए की निधी खर्च होगी। 

    बिजली आपूर्ति खंडित होने पर भी मिलेगा बिजली

    ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली की आपूर्ति खंडित होने की घटना देखने को मिलती है। सौर्य ऊर्जा परियोजना के शुरू होने से बिजली खंडित होने पर उस दौरान जमा बिजली का इस्तेमाल कर स्वास्थ सेवाओं को सुचारू रूप से जारी रखा जा सकेगा। 

    5 से 8 लाख रुपए किया जाएगा खर्च

    इस बीच, ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के सौर ऊर्जा उत्पादन पर 7 लाख रुपए से 8 लाख रुपए खर्च होने की उम्मीद है। वहीं, उप-केंद्र की लागत 5 लाख रुपए होने की उम्मीद है। जैसे-जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केन्द्रों की सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जा रही है, स्वास्थ्य केन्द्र विद्युत उत्पादन कर सकेगा।  

    “सौर ऊर्जा का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है, ताकि ठाणे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों को बिजली आपूर्ति बाधित न हो और बिजली गुल होने के कारण वहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना न करना पड़े। तद्नुसार, प्रथम चरण में चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सौर ऊर्जा, तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नवीन सौर ऊर्जा और 50 उप केन्द्रों में मरम्मत करने का निर्णय लिया गया है। इन परियोजनाओं से बिजली की समस्या का समाधान होगा।”- (डॉ. भाऊसाहेब दांगडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, ठाणे)