
उल्हासनगर: सोमवार को उल्हासनगर मनपा (Ulhasnagar Municipal Corporation) के सभागृह में आयुक्त अजीज शेख (Aziz Shaikh) की मौजूदगी में कल्याण के भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ (BJP MLA Ganpat Gaikwad) द्वारा मनपा के कर्मचारियों को गाली दी गई। कर्मचारियों के लिए आयुक्त की मौजूदगी में अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया और आयुक्त पर आरोप है कि वो मूकदर्शक बने बैठे रहे। आयुक्त का रवैया कर्मचारियों की नाराज़गी का कारण बन गया। इसलिए उन्होंने मंगलवार को कलमबंद हड़ताल (Pen strike protest) रखते हुए कामकाज ठप कर दिया।
भाजपा के गालीबाज विधायक का कर्मचारियों को गाली देने का यह पहला मामला नही है। 21 जून को गणपत गायकवाड़ ने सरेआम एमआईडीसी के सुरक्षा रक्षक को गाली दी। कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक साहराज साल्वे को सरेआम गाली देकर अपमानित किया था।
सोमवार को उल्हासनगर में पानी के कम दबाव को लेकर मीटिंग चल रही थी। इसी दौरान वरिष्ठ अधिकारियों से काम का लेखाजोखा न लेकर विधायक एक कार्यकारी अभियंता से सवाल जबाब करने लगे और उस पर भड़कते हुए उसे भद्दी गालियां देने लगे। इस दौरान मनपा के आयुक्त अजीज शेख वहां पर बैठे थे। इनके अलावा अंबरनाथ के विधायक बालाजी किणीकर तथा उल्हासनगर भाजपा विधायक की पत्नी मीना आयलानी भी वहां पर उपस्थित थी लेकिन सभी मूकदर्शक बने रहे।
कर्मचारी यह आशा लगाए बैठे थे कि आयुक्त कुछ हस्तक्षेप करेंगे, लेकिन आयुक्त तो चाहे भ्रष्टाचार का मुद्दा हो या कर्मचारियों को अपमानित करने का उनकी चुप्पी नही टूटती। बुधवार को मनपा कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटा और सभी ने कलमबंद हड़ताल का ऐलान करते हुए काम बंद रखा। कर्मचारियों का कहना है कि विकास के द्वारा विधायक अपना कद बढ़ाएं गाली देकर कद नही बढ़ेगा, ऐसी स्टंटबाजी को विधायक को छोड़ना चाहिए। इस संबंध में कुछ कर्मचारी संगठनों ने ‘नवभारत’ को अपनी प्रतिक्रिया दी।
विधायक गणपत गायकवाड़ को अपने ऊपर संयम रखना चाहिए। कोई भी कर्मचारी गाली नही सुनेगा। हम सभी इसका कड़े शब्दों में विरोध करते हैं। साथ ही आयुक्त का भी विरोध करते हैं, क्योंकि उनकी उपस्थिति में कर्मचारियों को गाली दी जा रही है और वह मौन रहे। मनपा आयुक्त आगे क्या भूमिका अपनाते हैं इस पर कर्मचारियों की नजर रहेगी।