पुलिस ने लापता दादी को परिवार से मिलाया, पुलिस के इस काम की हो रही तारीफ

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    कल्याण : अपने परिवार से बिछड़ी (Separated) एक बूढ़ी दादी (Old Grandmother) एक दुकान के सामने 24 घंटे रोती रहीं। वह अपने परिवार के सदस्यों के नाम भी नहीं बता पा रही थी। मानपाड़ा पुलिस (Manpara Police) ने 12 घंटे के भीतर महिला के गांव का पता लगाया और उसके परिवार (Family) का पता लगा कर दादी को उनके बेटे को सौंप दिया गया। पुलिस के इस कार्य की लोगों द्वारा सराहना की जा रही है। 

    मिली जानकरी के अनुसार डोंबिवली पूर्व के घरढा सर्कल में एक होटल के सामने एक बूढ़ी दादी 24 घंटे से बैठी थी, जब होटल मालिक उसे खाना दे रहा था, पर वो बस रो रही थी। उसे सिर्फ अपना नाम और अपने पति, बेटे और बेटी का नाम ही याद था। वह अपने जिले का नाम जानती थी। वो बस इतना ही कह रही थी कि मेरी बेटी मुझे लेने आएगी। होटल मालिक ने देखा कि दादी गायब थी। उन्होंने इसकी जानकारी मानपाड़ा पुलिस को दी। मानपाड़ा स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शेखर बागडे ने तुरंत पुलिस अधिकारियों से दादी के परिजनों का पता लगाने को कहा। पुलिस अधिकारी अविनाश ओनवे, विजय कोली, राजेंद्र ख़िलारे मंजा पवार नामक दादी को पुलिस स्टेशन में ले गए और उनसे कुछ चीजें पता लगाई, पुलिस ने तुरंत रत्नागिरी पुलिस से संपर्क किया, जिस समाज में आया की जिस तरह भेषभूषा पहनावे की बुजुर्ग महिला दादी जी थी, उस समुदाय के लोग किस गांव में रहते हैं? इसका संज्ञान लिया और उन्होंने गांव के लोगों से संपर्क किया और दादी के बच्चों का नंबर पता किया। उनके बेटे संतोष पवार अपनी मां को ढूंढ रहे थे। संतोष पवार को मानपाड़ा स्टेशन बुलाया गया और उनकी मां को उन्हें सौंप दिया गया। 

    दादी रत्नागिरी जिले के राजापुर तालुका के मुर्दव गांव में रहती हैं। उनकी बेटी नवी मुंबई के कलंबोली में रहती है। दादी ने रत्नागिरी से कलंबोली के लिए बस पकड़ी। बस चालक ने कलंबोली के बजाय उसकी डोंबिवली सुनी और उसे डोंबिवली में उतार दिया। इसी वजह से गड़बड़ी हुई है। पुलिस ने अथक परिश्रम करते हुए दादी को उसके परिवार को सौंप दिया। पुलिस के इस कार्य की तारीफ हो रही है।