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File Photo

  • 1982 में हुआ था मंडी का निर्माण
  • 2005 में घोषित हुई थी खतरनाक
  • 234 दुकानों में हो रहा कारोबार
  • 680 वर्ग फुट है एक दुकान का क्षेत्रफल
  • 1380 वर्ग फुट की होगी नई दुकान

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नवी मुंबई :  वाशी (Vashi) स्थित आलू-प्याज की मंडी (Potato-Onion Market) के पुनर्विकास करने से संबंधित प्रस्ताव लगभग तैयार हो गया है। 15 दिसंबर तक एपीएमसी (APMC) के संचालक समिति में यह प्रस्ताव पेश किया जाएगा। जिसपर चर्चा करने के बाद संचालक मंडल (Sanchalak Mandal) द्वारा उक्त प्रस्ताव को मंजूर करने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है।

गौरतलब है कि मुंबई की भीड़ को कम करने के लिए राज्य सरकार ने नवी मुंबई बनाने का निर्णय लिया था, जिसके तहत सिडको महामंडल का गठन किया गया था। जिसने वर्ष 1970 में नवी मुंबई का नियोजन का काम शुरू किया था। वर्ष 1982 में सिडको द्वारा वाशी में 75 एकड़ में एपीएमसी के लिए 5 मंडियों का निर्माण किया गया। जिसमें आलू-प्याज की मंडी का समावेश था। 23 वर्ष के दौरान इस मंडी में बनी दुकानों की हालत खस्ता हो गई। इसके चलते वर्ष 2005 में इस मंडी को खतरनाक घोषित किया गया था। इस मंडी में कुल 234 दुकानें हैं, जिनके पुनर्विकास का मामला विगत 15 साल से लटका हुआ है। जिसे अब मूर्त रूप देने के लिए एपीएमसी के संचालकों ने कमर कसी है।

दुकान मालिकों को मिलेगी दोगुना जहग

मौजूदा समय में आलू-प्याज की दुकानों का क्षेत्रफल 680 वर्ग फुट है। पुनर्विकास के बाद इन दुकानों का क्षेत्रफल दोगुना हो जाएगा। जिसके चलते दुकान मालिकों को 680 वर्ग फुट की बजाय 1360 वर्ग फुट की दुकान मिलेगी। पुनर्विकास से दुकानदारों को जहां पुरानी जर्जर दुकान से छुटकारा मिलने वाला है, वहीं दुकानों का क्षेत्रफल बढ़ने पर दुकानदारों को उसमें आलू-प्याज का भंडारण करने में आसानी होगी।

निजी विकासक को सौंपा जाएगा काम

मिली जानकारी के आनुसार आलू-प्याज की मंडी का पुनर्विकास करने का काम निजी विकासक द्वारा किया जाएगा। जिसका चयन कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। आलू-प्याज की मंडी का पुनर्विकास का काम करने वाले विकासक को मंडी के परिसर में बनी एपीएमसी की प्रशासनिक इमारत और इससे लगी आसपास की जगह पर इमारत का निर्माण करने की अनुमति होगी। जिसमें एपीएमसी की नई प्रशासनिक इमारत का समावेश होगा। 

पुनर्विकास से मंडी में कारोबार करने वाले दुकानदारों को जहां एक ओर बड़ी दुकानें मिलने वाली हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें विभिन्न प्रकार की सुविधाएं भी उपलब्ध होगी। पुनर्विकास से मंडी में वाहनों के आवागमन सुलभ होगी। यहां पर आनेवाले किसानों को भी बेहतर सुविधा मिलेगी। 15 दिसंबर को संचालक मंड़ल के सामने यह प्रस्ताव आनेवाला है। इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मंडी का पुनर्विकास जल्द से जल्द हो ऐसी संचालक मंडल की इच्छा है।

- अशोक वालूंज, संचालक, एपीएमसी, वाशी