Chhath Puja

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    उल्हासनगर: दीपावली (Diwali) के बाद अब उल्हासनगर (Ulhasnagar), अंबरनाथ (Ambernath) और बदलापुर (Badlapur) के विविध क्षेत्रों में रहने वाले उत्तर भारतीय छठ पूजा (Chhath Puja) त्यौहार की तैयारी में लग गए हैं। पर्व को लेकर कहीं पर निजी तो कहीं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से पूजा के लिए प्रस्तावित स्थल स्थानीय तालाब और नदी के तट साफ-सफाई शुरू हो गई हैं। कोरोना महामारी से जुझने के बाद पर्व को लेकर समाज बंधुओं में काफी उत्साह का माहौल है।

    मिली जानकारी के मुताबिक, हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजन त्यौहार हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि पर मनाया जाता है। यह हमेशा दीपावली के 6 दिन बाद पड़ता है जो नहाय खाय की परंपरा से प्रारंभ होता है। यह व्रत करने वाले व्रती 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते है। जिसके बाद छठी मैया की आराधना और सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत का समापन किया जाता है।

    28 अक्टूबर से होगी छठ पूजा की शुरुआत 

    कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाने वाला यह महापर्व पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ पूजा पर एक अलग ही धूम देखने को मिलती है।  संतान की सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए इस दिन सूर्य देव और छठी मइया की पूजा की जाती है। इस व्रत में सुबह और शाम के अर्घ्य देने की परंपरा है। देश भर में छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्टूबर से होगी। भगवान सूर्य और छठी माता को समर्पित महापर्व छठ पूजा हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। उल्हास नदी, रेलवे स्टेशन के पास वालधुनी, विविध तालाब को साफ किया जा रहा जिससे छठ पूजा में शामिल होने वालों को असुविधा न हों।