Ulhasnagar Municipal Corporation

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    उल्हासनगर : लगभग 61 प्रतिशत व्यावसायिक क्षेत्र वाले उल्हासनगर शहर (Ulhasnagar City) में ट्रकों और भारी वाहनों की आवाजाही होने के कारण उनके लिए ट्रक टर्मिनल (Truck Terminal) के निर्माण के लिए लगभग 12 हजार वर्ग मीटर का क्षेत्र आरक्षित है। महानगरपालिका प्रशासन ने आमसभा में ट्रक टर्मिनल के रिजर्वेशन (Reservation) में बदलाव कर दमकल कर्मियों और अधिकारियों के रहने के लिए बिल्डिंग के निर्माण के लिए रिजर्वेशन तय करने का प्रस्ताव रखा था। हाल ही में हुई आमसभा में सभी पार्टी के नगरसेवकों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। देश के सबसे घनी आबादी वाले शहर में इस तरह के आरक्षण परिवर्तन पर जोर देने वाले महानगरपालिका प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

    उल्हासनगर एक वाणिज्यिक शहर के रूप में जाना जाता है। इस में विभिन्न प्रकार के बाजार है। महानगरपालिका प्रशासन का मानना है कि शहर में केवल 39 प्रतिशत शहरी आबादी है और लगभग 61 प्रतिशत वाणिज्यिक क्षेत्र है। शहर में हजारों सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग है। इसलिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में छोटे, बड़े वाहन, ग्राहक, व्यापारी शहर में आते है। घनी आबादी वाले शहर में अधिकांश सड़कें संकरी है। 

    रोजाना होती है  ट्रैफिक जाम की स्थिति 

    जिससे शहर के विभिन्न हिस्सों में रोजाना ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। अवैध पार्किंग की वजह से यह समस्या बढ़ रही है। मनपा इस समस्या को हल करने के लिए एक आधिकारिक वाहन पार्क स्थापित करने पर जोर दे रही है। इस बीच महानगरपालिका प्रशासन ने हाल ही में शहर में भारी वाहनों की पार्किंग के लिए प्रस्तावित ट्रक टर्मिनल के रिजर्वेशन को बदलने के लिए गुरुवार को आमसभा की बैठक में एक प्रस्ताव रखा था।  इस प्रस्ताव का सभी दलों के नगरसेवकों ने विरोध किया। शिवसेना के वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर द्वारा भी इस प्रस्ताव का विरोध करने से यह बात सामने आई है कि सत्ताधारी दल और महानगरपालिका प्रशासन के बीच कोई तालमेल नहीं है।

     नगररचना विभाग की भूमिका पर लगने लगे थे सवालिया निशान 

    जानकारी के मुताबिक, महानगरपालिका प्रशासन ने महानगरपालिका के जन प्रतिनिधियों की अनदेखी कर ट्रक टर्मिनल के लिए आरक्षित भूखंड के आरक्षण को बदलने का यह तर्क दिया था कि शहर में छोटे वाहनो की आवाजाही अधिक है। इसलिए उस भूखंड पर दमकल कर्मचारियों के लिए बिल्डिंग बनाई जा सकती है। महानगरपालिका के नगररचना विभाग ने ट्रक टर्मिनल के रिजर्वेशन को बदलकर दमकल कर्मियों और अधिकारियों के निवास के लिए कॉम्प्लेक्स बनाने का प्रस्ताव रखा था। महानगरपालिका के जनसंपर्क अधिकारी युवराज भदाने ने बताया कि सदस्यों ने चर्चा के बाद प्रस्ताव को खारिज कर दिया। विशेष रूप से शहर में सभी पार्टियों द्वारा शहर में ट्रक टर्मिनल की मांग को एजेंडे में रखा गया था।  ट्रक टर्मिनल के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए महानगरपालिका के बजट में भी अनुदान प्रदान किया गया था। उसके बाद भी प्रशासन द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव के बाद महानगरपालिका के नगररचना विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान लगने लगे थे।