- तीन साल पहले रेल मंत्रालय से मिली थी स्वीकृति
- 800 करोड़ की स्वीकृति में महज 60 करोड़ का टेंडर
कल्याण : निधी (Funds) के अभाव में कल्याण रेलवे स्टेशन (Kalyan Railway Station) के रिमाडलिंग का काम पिछले तीन सालों से लटका (Pending) हुआ है। साल 2018 में कल्याण रेलवे स्टेशन के लिए 800 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया था जिसमें अब तक महज 60 करोड़ रुपए का ही काम-काज हुआ है। बाकी रकम रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) की तिजोरी में बंद है।
मंगलवार को रेल मंत्रालय की तिजोरी को खोलने के लिए कल्याण के सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने यह मुद्दा सदन में उठाया और स्पीकर का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि निधी के अभाव में कल्याण रेलवे स्टेशन के रिमाडलिंग का मुद्दा पिछले तीन साल से अधर में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि कल्याण रेलवे स्टेशन काफी व्यस्त और भींड-भाड़ वाला स्टेशन है। यहां से प्रतिदिन 760 गाड़ियां गुजरती हैं। इसलिए 2018 में स्वीकृत की गई निधी को फौरन रिलीज किया जाय ताकि कल्याण स्टेशन का कायापलट हो सके।
गौरतलब हो कि मध्य रेलवे के कल्याण स्टेशन पर महज 7 प्लेटफार्म हैं। रिमाडलिंग के बाद यहां 13 प्लेटफार्म होंगे जिससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी और ट्रेनों का संचालन भी समय पर हो सकेगा। बताया जाता है कि यहां लोकल गाड़िया, मेल गाड़िया और माल गाड़ियों की संख्या अधिक होने के कारण हमेशा दबाव बना रहता है, जिसके कारण अक्सर ट्रेनें लेट होती रहती हैं। कल्याण लोकसभा के सांसद डॉ. शिंदे ने कहा कि आने वाले समय में यात्रियों को सुविधा जरूर मिलेगी लेकिन वर्तमान समय में निधी के अभाव में कल्याण स्टेशन के रिमाडलिंग का काम अधर में लटका हुआ है जिससे रेल प्रवासियों को फिलहाल असुविधा का सामना करना पड़ता हैं।