आनंद आश्रम में शिंदे समर्थकों की लगी भीड़, एकनाथ शिंदे ने किया स्व. दिघे के दर्शन

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    ठाणे : ठाणे के आनंद आश्रम (Anand Ashram) में मनाई जाने वाली गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का ठाणे के शिवसैनिकों (Shiv Sainiks) के लिए विशेष महत्व है। ऐसे में स्व. दिघे के शिष्य एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) मुख्यमंत्री बनने के बाद इस गुरु पूर्णिमा पर उनके समर्थकों की भारी आनंद मठ पर जमा हो गई थी। क्योंकि जिले के आलावा दूर-दूर से कई पदाधिकारी शिंदे से मिलने के एकत्रित हुए थे। इस भीड़ को संभालने में पुलिस को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान शिंदे के समर्थकों और पुलिस के बीच कहासुनी भी हुई। 

    गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ठाणे के आनंद आश्रम परिसर में सुबह के सत्र में कोई भीड़ नहीं देखी गई। लेकिन जैसे ही पता चला कि दोपहर के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आनंद आश्रम आएंगे। इसके बाद ठाणे सहित जिले के विभिन्न हिस्सों से शिंदे समर्थक भी यहां इकट्ठा होने लगे। शुरुआत में पदाधिकारियों को आनंद आश्रम में प्रवेश दिया गया। लेकिन, जैसे ही भीड़ अंदर बढ़ी, पुलिस ने बाहर से बैरिकेडिंग कर दी और प्रवेश पर रोक लगा दी। नतीजा यह रहा कि शिवसेना के पूर्व नगरसेवकों समेत अन्य पदाधिकारी भी बारिश में घंटों कतार में लगे रहे। लेकिन मुख्यमंत्री शिंदे के आनंद आश्रम पहुंचने के बाद उन्होंने शुरुआत में दिवंगत आनंद दिघे को श्रद्धांजलि दी। शिंदे के आने के बाद भी बाहर के पदाधिकारियों को उम्मीद थी कि उन्हें प्रवेश मिल जाएगा।  परंतु पुलिस सभी से लाइन में खड़े होने की अपील कर अंदर जाने ही नहीं दिया। जिसके कारण पुलिस और पदाधिकारियों के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिला। 

    विधायक बालाजी किणीकर को करना पड़ा इंतजार 

    मुख्यमंत्री शिंदे के आनंद आश्रम परिसर में घुसने के बाद पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए थे और प्रवेश द्वार पुलिस द्वारा बंद कर दिया गया। ऐसे में मुख्यमंत्री के साथ आए अंबरनाथ के विधायक बालाजी किणीकर को प्रवेश नहीं मिल पाया और तक़रीबन 10 से 15 मिनट तक आनंद आश्रम के प्रवेश द्वार पर ही इंतजार करना पड़ा। जबकि ओवला-माजीवाड़ा के विधायक प्रताप सरनाईक और विधान परिषद सदस्य रविंद्र फाटक और पूर्व महापौर नरेश म्हस्के, नगरसेवक मीनाक्षी शिंदे, पूर्व सभागृह नेता अशोक वैती, संजय भोईर, संजय मोरे, विकास रेपाले आदि पहले ही आनंद आश्रम में मौजूद नजर आए।