शिवसेना शिंदे गुट के मंत्री शंभूराज देसाई का सांसद संजय राउत पर हमला, कहा- अब तो जनता भी राउत के आरोपों पर ध्यान नहीं देती

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    ठाणे : सांसद संजय राउत (MP Sanjay Raut) द्वारा मुख्यमंत्री के बेटे और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे (MP Dr. Shrikant Shinde) पर आरोप लगाकर अपनी सुरक्षा और आत्म-महत्व बढ़ाने का यह एक हताश प्रयास है। यह एक स्टंटबाजी है। उक्त बातें ठाणे जिले के पालक मंत्री और राज्य के आबकारी मंत्री शंभूराज देसाई (Minister Shambhuraj Desai) ने व्यक्त की। उन्होंने ठाणे में कहा कि जब राउत बात करना शुरू करते हैं तो लोग टीवी बंद कर देते हैं तो उन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। साथ ही गलत बयान देने पर राउत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

    ठाणे के पालक मंत्री शंभुराजे देसाई ने ठाणे का दौरा किया। इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राउत को गंभीरता से नहीं लेने की बात कहते हुए उन पर हमला बोला। उन्होंने आगे बोलते हुए, सांसद संजय राउत के पास बेकार के बयान देकर लोगों का समय बर्बाद करने के आलावा कोई काम नहीं रह गया है। साथ ही सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे को वे इस मामले में अनायास खींचकर बदनाम कर रहे है। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी राउत के बयान को गंभीरता से नहीं लेते हैं। क्योंकि कहा जाता है कि राउत किसी बड़े व्यक्ति को इस तरह लेकर अपनी सुरक्षा बढ़ा लेते हैं कि उनकी सुरक्षा अपने आप बढ़ जाती है। तो यह राउत की अपनी सुरक्षा और अहमियत बढ़ाने की बेताब कोशिश है। देसाई ने कहा कि आज ठाकरे गुट के राउत के बोलने के बाद लोग टीवी बंद कर देते हैं। 

    एमपीएससी के छात्रों को लेकर सरकार गंभीर   

    पालकमंत्री देसाई ने कहा कि एमपीएससी के छात्रों में भी असमंजस की स्थिति जरूर है और राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है। कहा कि यह फैसला सरकार के उच्च स्तर से एमपीएससी बोर्ड को करना होगा। एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के आरोपों का जवाब देते हुए, शंभुराजे देसाई ने स्पष्ट किया कि स्थानीय स्वराज्य संस्था अर्थात निकाय में कोई गैंगस्टर नहीं पाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनके पास कोई सबूत है तो वह पालकमंत्री मंत्री के तौर पर मुझे दें। 

    आनंद आश्रम से ही संचालित होगा शिवसेना का कार्य 

    चुनाव आयोग के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे को शिवसेना और धनुष-बाण चिन्ह देने के बाद पहली कार्यकारिणी की बैठक हुई और इस कार्यकारिणी की बैठक में ठाणे स्थित आनंद आश्रम को शिवसेना पार्टी कार्यालय के रूप में चुना गया और यह पूछे जाने पर कि आगे क्या करना है। उस आनंद आश्रम से शिवसेना का संचालन होगा, शिवसेना देसाई को खड़ा करने वाले ने यह भी कहा कि अगर शिवसेना प्रमुख के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले आनंद दिघे के कार्यालय से शिवसेना का काम चल रहा है, तो वहां उससे बढ़कर कोई सुख नहीं है।