भिवंडी में 2 करोड़ खर्च के बावजूद सिग्नल बंद, शहर में लग रहा ट्रैफिक जाम

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    भिवंडी: पावरलूम नगरी (Powerloom City) में सभी प्रमुख मार्गों पर 24 घंटे ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) की स्थिति बनी रहती है। भयंकर ट्रैफिक जाम में फंस कर अत्यावश्यक सेवाएं भी बाधित हो रही हैं। भिवंडी में 1-2 किलोमीटर की दूरी भी लोग घंटों में तय करने को मजबूर हैं। भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि करीब 2 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बाद भी सिग्नल प्रणाली का कोई फायदा शहरवासियों को नहीं मिल रहा है। सिग्नल प्रणाली बंद होने से बढ़ रहे यातायात जाम से नागरिकों में महानगरपालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है।

    गौरतलब है कि 2002 में अस्तित्व में आई भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र अंतर्गत सिग्नल प्रणाली का शुरू नहीं होना महानगरपालिका प्रशासन की भारी लापरवाही दर्शाता है। महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही की वजह से शहर में करीब 2 करोड़ से अधिक लागत की लगे हुए सिग्नल भी बंद पड़े हुए हैं। महानगरपालिका के 2 करोड़ रूपए लगने के बावजूद शहरवासियों को सिग्नल प्रणाली का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। 

    ट्रैफिक जाम से लोग परेशान

    शहर के प्रमुख चौराहों पर सिग्नल नहीं होने की वजह से भारी जाम की चपेट से लोगों को गुजारना पड़ रहा है। आश्चर्यजनक है कि 2008 में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सिग्नल प्रणाली बैठाने के लिए भिवंडी महानगरपालिका को 1 करोड़ 20 लाख रुपए दिया गया था। सरकारी फंड से भिवंडी महानगरपालिका द्वारा धामनकर नाका, जकात नाका, बंजार पट्टी नाका पर सिग्नल बिठाए गए, लेकिन समुचित रखरखाव न होने से सिग्नल प्रणाली बंद होने से 1 करोड़ 20 लाख रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

    60 लाख रुपए खर्च के बाद भी नहीं चले सिग्नल

    शहर के नागरिकों को जाम से बचाव के लिए एक वर्ष पूर्व तत्कालीन महानगरपालिका कमिश्नर डॉक्टर पंकज आशिया द्वारा यातायात पुलिस से विशेष बैठक कर सिग्नल प्रणाली शुरू करने का निर्देश दिया था और 60 लाख रुपए खर्च किया गया था। भिवंडी महानगरपालिका द्वारा बंजार पट्टी नाका और जकात नाका पर सिग्नल प्रणाली की शुरुआत की गई जो 15 दिन में ही टिम टिमाकर बंद हो गई। सिग्नल प्रणाली बंद होने से शहर के नागरिकों में महानगरपालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है।

    महानगरपालिका की लापरवाही उजागर 

    बंजार पट्टी नाका और जकात नाका पर 60 लाख रुपए खर्च कर लगे हुए सिग्नल 15 दिन भी नहीं चले और रखरखाव के अभाव में फिर बंद हो गए। जकात नाका पर जहां सड़क खुदाई होने से सिग्नल प्रणाली ध्वस्त होकर पड़ी है। बंजार पट्टी नाका,कल्याण नाका, जकात नाका मार्ग पर लगी हुई सिग्नल प्रणाली खराब होने से 24 घंटे लाल-हरी बत्ती जल रही है। हमेशा लाल-हरी बत्ती टिमटिमाने से वाहन चालक निर्भीक होकर बगैर इंतजार किए बेधड़क इधर-उधर आ जा रहे हैं, जिससे भयंकर यातायात जाम की दशा बन गई है। शहर के नागरिकों ने महानगरपालिका कमिश्नर विजय म्हसाल से शहर के यातायात जाम समस्या के निवारण के लिए सिग्नल प्रणाली को अबिलंब शुरू किए जाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने की अपील की है।