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    भिवंडी: पावरलूम नगरी भिवंडी (Bhiwandi) में सभी प्रमुख मार्गों पर 24 घंटे जाम की स्थिति बनी रहती है। भयंकर ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) में फंस कर अत्यावश्यक सेवाएं भी बाधित हो रही है। भिवंडी में 1-2 किलोमीटर की दूरी भी लोग घंटों में तय करने को मजबूर हैं। भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन (Bhiwandi Municipal Administration) की लापरवाही का आलम यह है कि करीब 2 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी सिग्नल प्रणाली (Signal System) का कोई फायदा शहरवासियों को नहीं मिल रहा है। सिग्नल प्रणाली बंद होने से बढ़ रहे यातायात जाम से नागरिकों में महानगरपालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली के खिलाफ भारी आक्रोश व्याप्त है।

    गौरतलब है कि करीब 12 वर्षों पूर्व अस्तित्व में आई भिवंडी महानगरपालिका द्वारा शहर में गत् दिन शिवाजी पार्क के पास रहिवासी इमारत के तल मंजिल पर छोड़कर आज तक कहीं भी पार्किंग स्थल का निर्माण नहीं किया जा सका है। 2 माह पूर्व शिवाजी चौक स्थित इमारत में हुए पार्किंग स्थल के निर्माण का फायदा सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों से मंडई, तीन बत्ती बाजार क्षेत्र तक जाने वाले खरीददारों को ही मिल रहा है। 

    सड़क के किनारे वाहनों की पार्किंग रहती है

    शहर के प्रमुख मार्गों पर कहीं भी वाहन पार्किंग स्थल न होने से लोगों को सड़क के किनारे दुपहिया, चार पहिया वाहन खड़ी करना मजबूरी है।श हर के मध्य स्थित सड़कों के किनारे वाहन खड़े होने से जाम की स्थिति बन जाती है।  शहरवासियों का आरोप है कि भिवंडी महानगरपालिका द्वारा सड़क का विस्तारीकरण भी नहीं किए जाने और अवैध रूप से लगे रिक्शा स्टैंड से भी लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। 

    भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए 1 करोड़ 20 लाख रुपए

    महानगरपालिका प्रशासन सब कुछ जानबूझकर भी आंखें मूंदे हुए है। आश्चर्यजनक है कि 12 वर्ष पूर्व सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा सिग्नल प्रणाली बैठाने के लिए भिवंडी महानगरपालिका को 1 करोड़ 20 लाख रुपए दिए गए थे। सरकारी फंड से भिवंडी महानगरपालिका द्वारा धामनकर नाका, जकात नाका, बंजार पट्टी नाका पर सिग्नल लगाए गए, लेकिन समुचित रखरखाव न होने से सिग्नल प्रणाली बंद होने से 1 करोड़ 20 लाख रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए।

    15 दिन में ही बंद हो गई सिग्नल प्रणाली

    शहर के नागरिकों को जाम से बचाव के लिए 6 माह पूर्व तत्कालीन महानगरपालिका कमिश्नर डॉक्टर पंकज आशिया द्वारा यातायात पुलिस से विशेष बैठक कर सिग्नल प्रणाली शुरू करने का निर्देश दिया और 60 लाख रुपए उक्त मद में दिया गया था। 6 माह पूर्व फिर भिवंडी महानगरपालिका द्वारा बंजार पट्टी नाका और जकात नाका पर सिग्नल प्रणाली की शुरुआत की गई जो 15 दिन में ही टिमटिमाकर बंद हो गई। सिग्नल प्रणाली बंद होने से शहर के नागरिकों में महानगरपालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है।

    महानगरपालिका की लापरवाही उजागर

     बंजार पट्टी नाका और जकात नाका पर 60 लाख रुपए खर्च कर लगे हुए सिग्नल 15 दिन भी नहीं चले और रखरखाव के अभाव में फिर बंद हो गए। जकात नाका पर जहां सड़क खुदाई होने से सिग्नल प्रणाली ध्वस्त होकर पड़ी है, वही बंजार पट्टी नाका,शांतिनगर मार्ग पर सिग्नल प्रणाली खराब होने से 24 घंटे लाल-हरी बत्ती जल रही है। लाल-हरी बत्ती जलने से वाहन चालक निर्भीक होकर बगैर इंतजार किए बेधड़क इधर-उधर आ जा रहे हैं, जिससे भयंकर यातायात जाम की दशा बन गई है। जनहित सामाजिक संस्था ने महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख से यातायात जाम से बचाव के लिए पार्किंग स्थल निर्माण सहित सिग्नल प्रणाली की मरम्मत  किए जाने की अपील की है।