बजट को किसी ने बताया जुमला तो किसी ने कहा अमृत काल का बजट, जानें विपक्ष दलों के किस नेता ने क्या कहा

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    ठाणे : केंद्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) ने बजट (Budget) की घोषणा की है। जिसमें बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) को तैयार करने के साथ ही रोजगार को बढ़ाने और किसानों को फायदा देने के आलावा मध्यमवर्गीय (Middle Class) लोगों को टैक्स में 5 लाख से 7 लाख की छूट देने जैसे निर्णय शामिल है। इस बजट को जहाँ कुछ लोगों ने जुमला बताया और आगामी चुनाव को लेकर बनाया गया बजट करार देते हुए आम आदमी के हाथ में घोषणाओं का झुनझुना थमाने वाला बजट बताया। वहीं कुछ नेताओं ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है और आज तक सबसे अच्छा अमृत काल वाला बजट बताया। 

    लोगों की प्रतिक्रिया

    यह छात्रों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण और वरिष्ठ नागरिकों का समर्थन करने वाला बजट है। सूक्ष्म और लघु उद्योगों को अनेक रियायत देकर देश के औद्योगिक क्षेत्र को वास्तविक बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया गया बजट पूर्ण और सर्वांगीण विकास है और विपक्ष द्वारा आलोचना के लिए कोई जगह नहीं है। इस बजट से सभी भारतीयों को राहत मिलेगी। इसलिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष बधाई – संजय केलकर, विधायक, ठाणे शहर, बीजेपी। 

    यह बजट आम जनता के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला बजट है। क्योंकि यह बजट वास्तविक भावनाओं से संबंधित नहीं है। युवाओं के लिए न तो रोजगार का उल्लेख है न तो महंगाई करने के लिए सरकार की तरफ से कोई कदम उठाने की बात कही गई है। केंद्र के लिए सबसे अधिक आय देने वाले महाराष्ट्र के लिए इस सरकार की तरफ कुछ बड़ा नहीं मिला है। महिलाओं के लिए भी यह बजट निराशाजनक है। इसलिए यह बजट निल बाटे सन्नाटा है।  हालांकि मध्यमवर्गीय लोगों के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाना थोड़ा राहत देने वाला जरूर है। – आनंद परांजपे, अध्यक्ष, ठाणे, एनसीपी।

    पिछले आठ साल से भाजपा केंद्र में रहते हुए बजट पेश कर रही है लेकिन सराजकर अब तक आम आदमी के नब्ज तक पहुँच ही पाई है। बजट में बीजेपी की सरकार ने न तो पहले कुछ दिया और न ही बुधवार के बजट में कुछ मिला है। सभी को निराश करने वाला बजट है। – विक्रांत चव्हाण, अध्यक्ष, ठाणे कांग्रेस। 

    बजट का दशक पूरा करने वाली मोदी सरकार ने आम लोगों को एक बार फिर निराश किया है। पिछले कई दिनों से बजट की राह देख रही जनता को इस सरकार ने एक बार फिर निराश किया है। यह भाजपाई बजट महंगाई और बेरोजगारी को और बढ़ाने की तरफ अग्रसित कर रहा है। किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे निराशा है। सरकार कुछ उद्योगपतियों के लिए ही काम करती नजर आ रही है। – राजन विचारे, सांसद, उद्धव ठाकरे गुट, ठाणे। 

    विकासोन्मुख बजट निर्माण और ढांचागत विकास पर जोर देने वाला बजट है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। अप्रैल 2023 से सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यमों के लिए संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना के कोष में लगभग 9,000 करोड़ रुपये डालने से, यह योजना छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने में मदद करेगी क्योंकि 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त असुरक्षित ऋण प्रदान किया जाएगा और फीस में 1 की कमी की जाएगी। प्रतिशत छोटे उद्यमियों के लिए लागत की बचत होगी। – सुजाता सोपारकर, अध्यक्ष-ठाणे स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन। 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ‘सबका साथ सबका विकास’ के नारे के तहत बजट के माध्यम से समाज के हर वर्ग को राहत दी है। यह वह बजट है जो भारत को तीव्र प्रगति की ओर ले जाएगा। सात लाख रुपए तक की आय पर आयकर माफ किया गया। डाकघर की मासिक आय जमा सीमा को भी 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये कर दिया गया है। पिछले आठ वर्षों में हुए विकास के कारण भारतीयों की औसत वार्षिक आय भी बढ़कर एक लाख 97 हजार रुपये हो गई है। इसलिए ”मोदी है तो मुमकिन है” वाला आम लोगों का बजट है! – निरंजन वसंत डावखरे, जिला अध्यक्ष, ठाणे बीजेपी। 

    दशक का सर्वश्रेष्ठ बजट है और जो हाउसिंग इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद हैं। पीएमएवाई के लिए आवंटित अतिरिक्त फंड से उद्योग में और अधिक आकर्षण देखने को मिलेगा। उच्चतम कर की दर को घटाकर लगभग 39% कर दिया गया है, इससे उद्योग को अतिरिक्त नकदी प्रवाह में मदद मिलेगी। टैक्स स्लैब में वृद्धि और मानक कटौती में वृद्धि से निश्चित रूप से अधिक धनराशि वाले नागरिकों को मदद मिलेगी जिससे खर्च में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था में मांग में वृद्धि होगी। लंबी अवधि में रियल एस्टेट उद्योग को मदद मिलेगी। धारा 54 के तहत एक आवासीय गृह संपत्ति को दो आवासीय गृह संपत्तियों को बेचकर लाभ का निवेश करने का विकल्प बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया है, जो आवास उद्योग के लिए एक वास्तविक बूस्टर साबित होगा। – जितेंद्र मेहता अध्यक्ष-क्रेडाई, एमसीएचआई, ठाणे। 

    समाज के हर वर्ग की अपेक्षाओं के अनुरूप बजट होना चाहिए था। लेकिन ऐसा कुछ भी इस बजट में नहीं है। आर्थिक सर्वेक्षण भी सिर्फ दिखावा है। देश को लूट कर भागने वालों पर सरकार मौन है। बजट में महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ भी नहीं है। यह एक प्रकार से निराशा वाला बजट है। – मनोज शिंदे, महासचिव, प्रदेश कांग्रेस कमिटी और पूर्व नगरसेवक।