Thane Municipal Corporation
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    ठाणे  : ठाणे (Thane) में विभिन्न सड़कों पर पड़े गड्ढों को लेकर  महासभा में जहां एक बार अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। वहीं जिसके क्षेत्र में गड्ढे नहीं पड़े थे उन्हें निलंबित किए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई। साथ ही इन नगरसेवकों (Corporators) ने निलंबित किये गए इंजीनियरों (Suspended Engineers) को पुनः सेवा में बहाल करने की मांग की।

    जिस महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) की तरफ से अतिरिक्त आयुक्त (Additional Commissioner) संदीप मालवी (Sandeep Malvi) ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस संदर्भ में चारों इंजीनियरों को फिर से सेवा में लेने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है और जल्द ही इसे कमिश्नर (Commissioner) के पास भेजा जाएगा।

    शहर के सड़कों पर पड़े गड्ढों के मुद्दे को लेकर एनसीपी नगरसेवक हणमंत जगदाले ने उनके क्षेत्र में सड़कों पर गड्ढे न होने के बावजूद इंजिनियर को निलंबित किए जाने का मुद्दा उठाते हुए इस प्रकार मनमानी वाली कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताया। इस मुद्दे को लेकर भाजपा नगरसेवक मिलिंद पाटणकर ने कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में भी सड़कों पर गड्ढे नहीं है। शहर के आंतरिक सड़कों के बजाय एमएमआरडीसी, एमएमआरडीए और हाईवे अथॉरिटी के सड़कों पर अधिक गड्ढे पड़े है।

    चारों निलंबित इंजीनियरों  बहाल करने की मांग

    लेकिन इन विभागों के अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ पालकमंत्री के आदेश को मानते हुए  महानगरपालिका प्रशासन ने अपने ही अधिकारियों की बलि ले ली। एनसीपी के गटनेता नजीब मुल्ला और शिवसेना नगरसेवक विकास रेपाले ने भी कार्रवाई को लेकर सवाल उठाया और एमएसआरडीसी, एमएमआरडी और मेट्रो को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग और सभी चारों निलंबित इंजीनियरों  बहाल करने की मांग की। जिसके बाद महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी ने आयुक्त से बात कर सभी को सेवा में फिर से रखने का आश्वासन दिया।  

    अतिरिक्त आयुक्त और नगर अभियंता के बीच समन्वय का अभाव

    नगरसेवकों द्वारा लगाए गए आरोप के दौरान महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त संदीप मालवी और नगर अभियंता अर्जुन अहिरे के बीच समन्वय का अभाव दिखाई दिया। नगर अभियंता अहिरे ने सभागृह को जानकारी देते हुए कहा कि पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने औचक दौरे के दौरान उन्होंने सिर्फ पीडब्ल्युडी, एमएमआरडीए, एमएसआरडीसी के सड़कों का ही निरिक्षण किया था। लेकिन जब वरिष्ठों ने पूछा तो उन्होंने इस प्रकार की जानकारी दी थी। लेकिन, इसके बावजूद उनसे इंजीनियरों के नाम मांगे गए थे। इसलिए उन्होंने नाम दिया और मेरी वजह से इंजीनियरों पर कार्रवाई नहीं हुई। इस प्रकार का बचाव करते हुए उन्होंने खुद का बचाव करते हुए ठीकरा प्रशासन पर फोड़ दिया। वहीं अतिरिक्त आयुक्त एक संदीप मालवी ने कहा कि सर्विस रास्तों पर गड्ढे पड़े थे और उस दौरान जो परिस्थिति थी, उसके आधार पर संबंधितों पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है।