Taloja companies are spreading pollution, so far action has been taken against 13 companies

    Loading

    नवी मुंबई : एमआईडीसी (MIDC) में कंपनियों (Companies) के कारण होने वाले वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर विधायक प्रशांत ठाकुर (MLA Prashant Thakur) और विधायक महेश बालदी ने एक तारांकित प्रश्न के साथ सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। जिसके बारे में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस मामले में अब तक तलोजा एमआईडीसी की 13 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें से 6 कंपनियों को बंद करने और 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस दी गई है।

    गौरतलब है कि तलोजा एमआईडीसी में स्थित कंपनियों द्वारा छोड़ी जा रही जहरीली हवा नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गई है, यह बच्चों के शारीरिक के विकास को प्रभावित कर रही है। प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों को बंद करने के नेशनल ग्रीन आर्बिट्रेशन (एनजीटी) के आदेश के बावजूद यहां की कंपनियों द्वारा रात में जहरीली गैस छोड़ी जा रही है। इस गंभीर मुद्दे को मुंबई में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पनवेल के विधायक प्रशांत ठाकुर और उरण के विधायक महेश बालदी ने सवाल उपस्थित किए। इन विधायकों ने पूछा कि क्या सरकार ने मामले की जांच की है, जांच में क्या पाया गया है। स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाली कंपनियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है।

    तलोजा एमआईडीसी स्थित कंपनियों द्वारा छोड़े जा रहे रसायन युक्त पानी की वजह से कसाडी नदी का पानी दूषित हो गई थी। इस संदर्भ में मैंने एनजीटी के पास शिकायत की थी, जिसके आधार पर एनजीटी ने तलोजा एमआईडीसी की कंपनियों और एमआईडीसी पर 15 करोड़ रुपए का दंड लगाया था। तलोजा सीईटीपी के विस्तार और उन्नयन पर कंपनियां और एमआईडीसी द्वारा 75 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, यह काम 95 पूरा हुआ है। एसटीपी से निकलने वाले पानी को समुद्र में छोड़ने के लिए पाइप लाइन बिछाई जाने वाली है, जिसके लिए 10 करोड़ रुपए की निविदा निकाली गई है। कंपनियों द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के खिलाफ मैंने लंबी लड़ाई लड़ी है, जल्द ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में सुनवाई होने वाली है।

    - अरविंद म्हात्रे, नगरसेवक, तलोजा एमआईडीसी क्षेत्र

    कॉमन वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से संबंधित है याचिका

    उक्त मामले में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पनवेल महानगरपालिका के दिनांक 23 फरवरी 2022 के पत्र के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण सांस की सूजन और अस्थमा से पीड़ित रोगियों की संख्या बढ़ी हुई नहीं पाई गई है। नेशनल ग्रीन आर्बिट्रेशन (नंबर 125/2018) में दायर याचिका मुख्य रूप से तलोजा एमआईडीसी में कॉमन वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के बारे में है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा तलोजा एमआईडीसी के क्षेत्र में रात्रि में कंपनियों का निरीक्षण कर दोषी कंपनियों के खिलाफ नियमित कार्रवाई कर रहा है। तलोजा क्षेत्र में बदबू के संबंध में कुल 13 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

    महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के नवी मुंबई क्षेत्रिय अधिकारी धनंजय पाटिल द्वारा उन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो एमपीसीबी मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं। मंडल द्वारा होने वाली कार्रवाई से बचने के लिए अब तलोजा एमआईडीसी स्थित कंपनियां प्रदूषण को नियंत्रित करने में जुट गई हैं, जिसके चलते प्रदूषण घटने लगा है।

    - सतीश शेट्टी, अध्यक्ष, तलोजा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन