अंबरनाथ में भी ठाकरे गुट को लगा जोरदार झटका, शिवसेना में शामिल हुए ये पदाधिकारी

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अंबरनाथ : पिछले नौ महीने से अंबरनाथ (Ambernath) में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (Uddhav Balasaheb Thackeray) की पार्टी के अस्तित्व को बनाए रखने वाले तकरीबन सभी प्रमुख पदाधिकारी रविवार की रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) के सांसद पुत्र डॉ. श्रीकांत शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल हो गए। वही इन शिवसैनिकों ने रात में ही अंबरनाथ शिवसेना शहर शाखा में वर्षो से लगे उद्धव और आदित्य ठाकरे की तस्वीरें भी हटा दी। 

ऊक्त दल बदल से उद्धव ठाकरे को एक बड़ा झटका लगा है और ठाकरे गुट का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है। अंबरनाथ में आयोजित होने वाले शिव मंदिर आर्ट फेस्टिवल की तैयारियों का जायजा लेने रविवार की रात सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे अंबरनाथ पहुंचे थे, उनकी मौजूदगी में हुई संक्षिप्त बैठक में ये सभी अधिकारी मौजूद थे। ठाणे जिले और विशेष कर अंबरनाथ शहर में शिवसेना का दबदबा है, विगत 25 साल से नगरपालिका में शिवसेना की सत्ता है।   लेकिन एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद, विधायकों, पूर्व नगरपालिका अध्यक्षों और कुछ पूर्व नगरसेवकों और पदाधिकारियों को छोड़कर एक बड़ा समूह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन करने से दूर रहा। 

शिंदे गुट में शामिल

शिंदे से दूरी बनाकर स्वयं शहर प्रमुख अरविंद वालेकर, पूर्व नगर अध्यक्ष और पार्षद के साथ ही पदाधिकारी भी उनके साथ थे। लेकिन राजनीतिक स्थिति के शिंदे की ओर झुकते देखे जाने के बाद, शिवसेना के वफादार और शक्तिशाली वालेकर परिवार के सदस्य और उनके समर्थक शिंदे गुट में शामिल हो गए। लेकिन उसके बाद भी कुछ पूर्व नगरसेवक और पदाधिकारी ठाकरे गुट के साथ थे। दिलचस्प बात यह है कि शहर के विधायक, सांसद, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष प्रमुख, पूर्व नगरसेवक शिंदे के साथ शिवसेना में शामिल हो गए। अंबरनाथ की शिवसेना शहर शाखा ठाकरे समर्थकों के ही कब्जे में ही रही। 

सूत्रों की माने तो आगामी नगरपालिका के आम चुनावों में शिवसेना की फुट क लाभ अन्य राजनीतिक दलों को न मिले इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधायक डॉ. बालाजी किणीकर और शहर प्रमुख रहे अरविंद वालेकर को मुंबई अपने निवास पर बुलाया और लंबी चर्चा के बाद सभी को साथ काम करने की सलाह दी जो ठाकरे समर्थक शिवसैनिकों ने मान ली।