Borivali National Park Tunal
प्रतिकात्मक तस्वीर

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ठाणे: सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) की अति महत्वकांक्षी परियोजनाओं में शामिल ठाणे-बोरीवली भूमिगत मार्ग (Thane-Borivali Underground Route) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मुंबई हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने एमएमआरडीए के पक्ष में फैसला सुनाते हुए निविदा प्रक्रिया के खिलाफ एलएंडटी कंपनी (L&T Company) की तरफ से दायर की गयी याचिका को खारिज कर दिया है। जिससे स्पष्ट हो गया है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को ठेका देने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी और प्रत्यक्ष रुप से अंडर ग्राउंड सड़क का काम शुरु होगा। 

ठाणे से बोरीवली की दूरी महज 20 मिनट में पूरा करने को लेकर मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने  11.8 किमी लंबी ठाणे-बोरीवली भूमिगत मार्ग के निर्माण का निर्णय लिया है। इसके तहत संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से टनल बनाया जाना है। 

एलएंडटी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था

एमएमआरडीए ने कुछ महीने पहले  दो चरणों में काम के लिए निविदा जारी किया था। इस काम के लिए एलएंडटी और मेघा इंजीनियरिंग दो कंपनियों ने निविदा भरा था। जांच के बाद निविदा  एलएंडटी की निविदा अपात्र घोषित कर दी गई थी। जिस पर आपत्ति जताते हुए एलएंडटी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने गुरुवार को एलएंडटी की याचिका को खारिज करते हुए एमएमआरडीए के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत के फैसले से निविदा प्रक्रिया को पूरा करने का रास्ता साफ हो गया है। 

निविदा को मंजूरी दे दी गयी

हाईकोर्ट के फैसले से निविदा प्रक्रिया का एक बड़ा रोड़ा दूर हो गया है। अब इस कम का ठेका मेघा इंजीनियरिंग को मिलना तय हो गया है। एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। दोनों चरणों का काम मेघा इंजीनियरिंग को दिया जाएगा और पहले चरण पर 6,178 करोड़ रुपए और दूसरे चरण पर 5,879 करोड़ रुपए खर्च होंगे। तीसरे चरण में तकनीकी काम होंगे और इस चरण के लिए अभी बहुत समय है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को एमएमआरडीए की कार्यकारी समिति की बैठक में निविदा को मंजूरी दे दी गयी।