नए वर्ष में ठाणेकरों को मिलेगा नए पुल की सौगात

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    ठाणे : कलवा खाड़ी पर ब्रिटिश कालीन ब्रिज की जर्जर अवस्था में होने के बाद ठाणे महानगरपालिका प्रशासन (Thane Municipal Administration) की तरफ से शुरू तीसरे निर्माणधीन पुल (Bridge) का कार्य प्रगति पथ पर है। इस पुल का अब तक 82 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है, लेकिन सिर्फ पुलिस आयुक्तालय के प्रवेश द्वार से लेकर कलवा नाका (Kalwa Naka) तक और सेंट्रल जेल से लेकर बेलापुर (Belapur) की तरफ जाने वाली मार्गिका का काम पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। जबकि साकेत से छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल तक के मार्गिका का काम अभी भी अधूरा है। जिसके लिए वाहन चालकों को इंतजार करना पड़ेगा। 

    फिर भी ऐसे में ठाणे महानगरपालिका प्रशासन का दावा है कि इन दोनों मार्गों का बचा 18 फीसदी काम दिसंबर माह में पूरा कर लिया जाएगा और इसे आम नागरिकों के लिए आवागमन के लिए नए साल में खोल दिया जाएगा। ऐसे में नए वर्ष में कलवा वासियों को भी इस पूल की सौगात मिलने से यहां पर होने वाली यातायात जाम से छुटकारा मिल जाएगा।

    पुराना ब्रिज कर दिया गया है बंद

    गौरतलब है कि ठाणे से कलवा को जोड़ने वाले कलवा नाका स्थित खाड़ी पर बना पुल भी अंग्रेजों का बनाया हुआ है। यह पुल 124 साल पहले बनाया गया था। इस पुल की आयु खत्म होते देख वर्ष 1995 में ठाणे महानगरपालिका की तरफ से उसके समांतर दूसरे पुल का निर्माण किया गया था। नए पुल के बनने के बाद से पुराने पुल पर से बड़े और हल्के वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब तक पुराने पुल से दुपहिया वाहन, ऑटो रिक्शा और साइकिल ही जाने दिए जा रहे थे, लेकिन महाड की घटना के बाद इस पुल को पूरी तरह से आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। जिसके कारण अब वाहनों का बोझ दूसरे ब्रिज पर बढ़ गया है। जिसके कारण लोगों आये दिन यातायात जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

    तीन वर्ष बजाय लगे सात वर्ष 

    वाहनों चालकों और कलवा वासियों की समस्याओं को देखते हुए टीएमसी प्रशासन ने वर्ष 2014 में कलवा खाड़ी पर ही तीसरे ब्रिज का निर्माण करने की शुरुआत की। इस ब्रिज के निर्माण का कुल लागत 183 करोड़ 66 लाख 61 हजार 353 रुपए है। इसके लिए 12 सितंबर, 2014 को पुल के निर्माण का वर्कऑर्डर महानगरपालिका प्रशासन की तरफ से ब्रिज बनाने वाली कंपनी को दिया गया था। इस पल के निर्माण की कुल कालावधि तीन साल थी। अर्थात इस ब्रिज का निर्माण सितंबर 2017 तक हो जाना चाहिए था, लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक इस ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। 

    ब्रिज के निर्माण में देरी का मुख्य कारण 

    ब्रिज के निर्माण में देरी होने के संदर्भ में ठाणे महानगरपालिका सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग का कहना है कि ब्रिज का कुछ हिस्सा सीआरजेड के अंतर्गत आता है जिसकी मंजूरी मिलने में देरी हुई। साथ ही यहां पर शास्त्री नगर की कुछ झोपड़ियां भी बाधक थी। जिसे हटाने में समय लगा। इसके अलावा मेरीटाइम बोर्ड, वन विभाग और महाराष्ट्र पर्यावरण नियंत्रण मंडल के पास से अनुमति लेना था। जिसके कारण इन विभागों से अनुमति मिलने में देरी हुई और ब्रिज का निर्माण कार्य पर इसका असर पड़ा। साथ ही पिछले साल वैश्विक कोरोना महामारी के दस्तक देने से कामगारों ने पलायन कर दिया था और तीन महीने लगातार लॉकडाउन के चलते भी ब्रिज के निर्माण कार्य को करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।      

    सिर्फ दो मार्गों को खोलने का विचार 

    महानगरपालिका प्रशासन का कहना है कि कलवा खाड़ी के तीसरे पुल के अंतर्गत साकेत की तरफ से कलवा छत्रपति अस्पताल की तरफ जाने वाली मार्गिका वाहनों और पादचारियों के लिए बनाया जा रहा है। इसका हिस्सा सीआरजेड के तहत आता है और मंजरी मिलने में देरी हुई है। जिसके कारण इस मार्गिका को बनाने में अभी छह महीने से अधिक का समय जाने वाला है, लेकिन सड़कों की तरफ से कलवा नाका के लिए आने वाली मार्गिका और सेंट्रल जेल से बेलापुर की तरफ जाने वाली मार्गिका का काम 85 फीसदी पूरा हो गया है और इसे दिसंबर महीने में पूरा कर लिया जाएगा। 

    कलवा खाड़ी पर बन रहे तीसरे पुल के दो मार्गिकाओं का काम अंतिम चरण में है। जो दिसंबर माह में पूरा हो जाएगा। इन दोनों मार्गिकाओं को नए साल अर्थात जनवरी के प्रथम सप्ताह में खोलने का विचार चला रहा है। शेष एक मार्ग के कामों में देरी होगी। जिसे अगली दिवाली तक शुरू किया जाएगा।

    -अर्जुन अहिरे, नगर अभियंता, ठाणे महानगरपालिका
    • पुल के निर्माण की कुल लागत- 183,66,61,353 
    • पुल के निर्माण की कुल कालावधि -36 महीने 
    • पुल का आरसीसी वर्क पूरा – 96 %
    • पुल का औसतन पूर्ण कार्य – 82 %