Thane Municipal Corporation
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    ठाणे : प्रादेशिक आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष में सेवारत जांबाज कर्मचारियों (Employees) के रक्षकों की उपेक्षा (Neglect) को लेकर मनसे (MNS) ने महानगरपालिका प्रशासन (Municipal Administration) की लापरवाही (Negligence) का भंडाफोड़ किया है। मनसे के महासचिव संदीप पाचंगे ने कहा कि ठाणे शहर में आग लगने, दुर्घटना, पतझड़ के साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरों की जान बचाने वाले खतरों के खिलाड़ियों की घोर उपेक्षा हो रही है। ठाणे महानगरपालिका के आपदा प्रबंधन कक्ष में सेवारत कर्मचारियों की उपेक्षा ठाणे महानगरपालिका प्रशासन की लापरवाही के कारण हो रही है। इस कक्ष में सेवारत ड्युटी ऑफिसर, शिफ्ट इंचार्ज, कंप्यूटर चालक, टेलिफोन और वायरलेस ऑपरेटरों की नियुक्ति ठेके पद्धति पर की गई है। पिछले कई वर्षों से ये कर्मचारी अपनी सेवा दे रहे हैं।  

    खासकर बारिश के दौरान नागरिकों की मदद करना, दुर्घटना में फंसे हुए लोगों की जान बचाना, चट्टान खिसकने, बादल फटने, लिफ्ट दुर्घटना और घर में पानी आदि घुसने की स्थिति में अपनी जान की बाजी लगाकर बचाव कार्य करते हैं। कोरोना संकट के समय प्रथम और द्वितीय लहर के दौरान आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष के सेवाकर्मियों ने नागरिकों की अमूल्य सेवा की थी। आपदा विभाग कक्ष में सेवारत जांबाज कर्मचारियों को कम वेतन मिलता है।  

    उन्हें सुरक्षा कवच भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके साथ ही इन खतरों के खिलाड़ियों को साधनों की कमी का सामना करना पड़ता है। जोकि एक संवेदनशील मामला है। पाचंगे ने महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त संजय हेरवाडे से मुलाकात कर मांग की कि महानगरपालिका के आपदा प्रबंधन कक्ष में सेवारत कर्मचारियों के साथ ठाणे महानगरपालिका प्रशासन न्याय करें।

    इस मामले को लेकर उचित प्रशासनिक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया जाएगा। साथ ही जल्द ही आपदा प्रबंधन कक्ष के कर्मचारियों को साड़ी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

    -संजय हेरवाडे, अतिरिक्त आयुक्त, ठाणे महानगरपालिका