ठाणे : कोरोना काल (Corona Period) में इस वैश्विक (Global) महामारी (Pandemic) की चपेट में आ चुके मृतकों (Dead) के परिजनों को उच्चतम न्यायालय राजस्व (Supreme Court Revenue) और वन विभाग (Forest Department) (आपदा प्रबंधन, राहत और पुनर्वास) ने 26 नवंबर, 2021 को 50 हजार रुपये अनुदान देने का निर्देश दिया है।
तदनुसार, एक ऑनलाइन वेब पोर्टल विकसित किया गया है जिसके माध्यम से कोरोना के कारण मरने वाले व्यक्तियों के करीबी रिश्तेदार न्यूनतम दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं, ताकि आश्रय सहायता प्राप्त की जा सके।
सरकार ने अनुदान के रूप में 50 हजार रुपए राज्य सरकार ने ऑनलाइन आवेदन को सक्षम करने के लिए एक वेब पोर्टल विकसित किया है और जिला प्रशासन ने आवेदक से mahacovid19relief.in पर आवेदन करने की अपील की है। इसके लिए आवेदक को https://mahacovid19relief.in/loginपर लॉग इन करना होगा। https://epassmsdma.mahait.org/login.htm का लिंक भी है।
आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी
आवेदक अपने आधार नंबर, मृत व्यक्ति के विवरण, मृत्यु प्रमाण पत्र और अस्पताल के विवरण (वैकल्पिक) के आधार पर आवेदक के मोबाइल नंबर का उपयोग करके सहायता प्राप्त करने के लिए लॉगिंग कर सकता है। जिन व्यक्तियों की कोरोना के कारण मृत्यु होने की सूचना केंद्र सरकार को दी गई है, उनके रिश्तेदारों के आवेदन को बिना किसी अन्य दस्तावेज के अनुरोध के स्वीकार किया जाएगा। अन्य मामलों में, यदि कोरोना के पास मृत्यु का कारण दर्शाने वाला चिकित्सा प्रमाण पत्र है, तो ऐसे मामलों को भी अन्य दस्तावेजों के अनुरोध के बिना प्रदान किया जाएगा। यदि आवेदक के पास मृत्यु का कारण बताते हुए चिकित्सा प्रमाण पत्र नहीं है, तो आवेदन के साथ कोरोना के कारण मृत्यु का प्रमाण देना होगा।
बैंक खाते में जमा की जाएगी
यदि किसी मामले से इंकार किया जाता है, तो याचिकाकर्ता को जिला और नगरपालिका स्तर पर गठित शिकायत निवारण समिति में अपील करने का अधिकार होगा और यह समिति ऐसे मामलों की सुनवाई करेगी और अंतिम निर्णय देगी। आवेदनों को स्वीकृत करने में अंतिम अधिकार जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का होगा। अनुदान सहायता केलिए सभी आवेदनों को सात दिनों के लिए वेब पोर्टल पर सार्वजनिक किया जाएगा ताकि मृतक को सही उत्तराधिकारियों को सहायता के लिए अपील करने का अवसर मिल सके। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा अंतिम रूप से स्वीकृत आवेदन के अनुसार, आश्रय सहायता की राशि सीधे आवेदक के आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा की जाएगी।