इस दिवाली बाजारों की भीड़ ने चुना ऑनलाइन शॉपिंग, दुकानदारों में छाई निराशा

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    ठाणे : दशहरा बीत चुका है और अब दिवाली (Diwali) की खरीदारी (Shopping) में लोग जुट गए है। लेकिन 60 फीसदी लोगों का रुझान ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) की तरफ ज्यादा नजर आ रहा है। जिसके कारण बाजारों में अपेक्षा से कम भीड़ हो रही हैं और इससे आम दुकानदारों (Common Shopkeepers) में जहां निराशा (Disappointment) देखी जा रही।

    वैसे तो सालभर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या होती है, लेकिन इन दिनों दीपावली पर दी जा रही छूट और शानदार आकर्षक उपहारों ने इनकी तादाद बढ़ा दी है। जिसका मुकाबला कर पाने में आम दुकानदार असमर्थ है। गौरतलब है कि इस वर्ष धनतेरस 2 नवंबर को है, लेकिन अब तक बाजार ना तो सजा है ना ही रौनक नजर आ रही है।  विक्री नहीं होने से दुकानदारों में भी उत्साह नहीं है।  दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन खरीदारी ने 30 से 60 फीसदी तक बाजार पर असर डाला है। 

    सामानों पर बड़ी छूट बना जंजाल

    ऑनलाइन उत्पाद बेचने वाली कंपनियां बाजार में बिकने वाले सामान से कई गुना कम दाम पर अपने प्रोडक्ट बेच रहीं हैं।  साथ ही कई प्रकार छूट भी सामानों पर दे रही है।  जिसके कारण अब न सिर्फ युवा वर्ग का ध्यान ऑनलाइन खरीदारी की ओर अधिक रहता है।  बल्कि महिलाएं और बुजुर्ग भी इस तरफ आकर्षित हो रहे है और वे भी दूसरे से ऑनलाइन का सामान ऑर्डर करते नजर आ रहे है। 

    कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन और अब ग्रोसरी भी दे रहे भारी डिस्काउंट

    पहले शुरुआती दौर में ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोग अधिकतर कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक सामानों की खरीदारी में ही अधिक जोर देते थे।  लेकिन अब कंपनियों ने कपड़े हों, इलेक्ट्रॉनिक सामान इन दोनों के अलावा फर्नीचर, बर्तन, ग्रोसरी के सामान और सैनिटाइजेशन के सामानों को भी बेचना शुरू कर दिया हैं।  

    ऑनलाइन खरीदारी की वजह से धनतेरस पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई है।  क्योंकि कोरोना संक्रमण काल के बाद से लोग बाजार में बर्तन, चूल्हे आदि को खरीदने वाले ग्राहक कम ही नजर आ रहे है और उनका रुझान ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ अधिक हैं।  साथ ही लोग अब भीड़भाड़ से बचते भी दिखाई दे रहे है और बाजार में न जाकर बिना उनका समय और यात्रा खर्च किये घर सामना एक क्लिक पर पहुंच रहा हैं।  जिसके कारण भी ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार पर 60 फीसदी का असर पड़ा है।  

    अब कोरोना संक्रमण काल में लगी पाबंदियों के बाद थोड़ा छूट मिला था और आर्थिक रूप से दुकानदार अब जाकर सुधर रहे थे लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग से मार्केट में बहुत गिरावट आ गई है। सामानों को खरीदने के लिए आने वाली महिलाएं दामों को लेकर बहस करने लगी हैं। क्योंकि उन्हें ऑनलाइन शॉपिंग में अधिक छूट मिल रही हैं। ग्राहकों को समझना कठिन हो गया है। क्योंकि अब वे घर बैठे-बैठे ही सामान खरीदना चाहते हैं, लेकिन वह क्वालिटी का फर्क नहीं समझ रहे हैं।

    - वसंत जैन, कपड़ा विक्रेता

    दीपावली पर जो रौनक हुआ करती थी, वह पिछले साल और अब इस साल कोरोना ने छीन लिया। सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान पाबंदियां लगाने के कारण दुकानों पर ताला लगा रहा और सरकार ऑनलाइन शॉपिंग पर रोक लगाने में असफल रही। जिसका खामियाजा अब दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि इस दौरान ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या बढ़ी। लोग अब जैसे सोशल मीडिया के दीवाने हो गए हैं वैसे ही लोग ऑनलाइन शॉपिंग के दीवाने होते जा रहे हैं। ऐसे ही चलता रहा तो बाजार की हालात बेहद खराब हो जाएगी।

    - मितेश शहा, इलेक्ट्रॉनिक विक्रेता

    मैं पिछले डेढ़ दशक से फर्नीचर के कारोबार से जुड़ा हूं। पहले दशहरा और दिवाली के दौरान फर्नीचर खरीदने के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ जाती थी। सामानों को तैयार कराने के लिए अधिक कारीगरों को लगाना पड़ता था। लेकिन अब समय बदलता जा रहा हैं। अब ऑनलाइन खरीदारी का क्रेज बढ़ता जा रहा है,। अब कई लोग सिर्फ फ्लिपकार्ट, अमेजन और अन्य ऑनलाइन शॉपिंग पर ही सामानों को नहीं खरीद रहे हैं बल्कि, फेसबुक, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई लोग ग्राहकों को लुभा रहे है और इसकी तरफ ग्राहक आकर्षित हो रहे हैं। भले उन्हें सामानों की क्वालिटी का पता न हो और ठगे जा रहें हो लेकिन इसके बावजूद ऑनलाइन कंपनियां द्वारा दी जा रही छूट के आगे ग्राहक सब भूल जा रहे हैं। इससे फर्नीचर के व्यवसाय पर भी इसका असर बढ़ा है। ऐसे में बाजार का पिटना स्वाभाविक है।

    - विनय सिंह, इंटीरियर्स और फर्नीचर विक्रेता

    दीपावली के लिए लोग कपड़े खरीदते हैं। धनतेरस से पहले खरीदारी शुरू हो जाती थी, जोकि धनतेरस तक चलती थी। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। दुकानदार निराश है जिसका मुख्य कारण ऑनलाइन शॉपिंग है। जिसका असर ग्रोसरी पर भी पड़ा है अब लोगों को ऑनलाइन दाल, चावल, गेहूं, शक्कर, मसाले आदि मिल जा रहे हैं।

    - मनोज गुप्ता, अनाज विक्रेता, ठाणे

    ऑनलाइन कंपनियां लोगों को लालच दे रही हैं। इन कंपनियों ने बाजार के विक्रेताओं का काम ठप कर दिया है। इससे व्यापारी वर्ग त्रस्त है। सुबह से शाम तक दुकान में बैठा हर छोटा, बड़ा व्यापारी इससे परेशान है। दीपावली पर खासकर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हम इसका कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के माध्यम से कड़ा विरोध करते आए और करते रहेंगे। आगामी दिनों में सभी व्यापारी आगे आकर इस पर मिलकर कार्ययोजना बनाएंगे।

    - सुरेश ठक्कर, अध्यक्ष, ठाणे जिला होलसेल व्यापारी वेलफेयर महासंघ