Thane Police Commissionerate
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    ठाणे : शहर (City) की सुरक्षा (Security) की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिस अधिकारी (Police Officers) और पुलिस कर्मी भी अब तीसरे लहार (Third Wave) के इस वैश्विक कोरोना महामारी (Global Corona Pandemic) से बच नहीं पा रहे है। ठाणे पुलिस आयुक्तालय में 39 पुलिसवालों के संक्रमित होने की बात सामने आई है। इनमें अधिकारी और कर्मचारी सभी शामिल हैं।

    संक्रमित लोगों में से 14 अस्पताल (Hospital) में भर्ती है और 25 होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) हैं। सभी की स्थिति सामान्य बताई गई है। कोरोना की शुरुआत से अभी तक कुल  2470  पुलिस वाले संक्रमित हुए हैं।  जिसमें 2166 पुलिसकर्मी और 314 अधिकारी हैं। कोरोना की चपेट में आने से 1 अधिकारी और 37 कर्मचारियों को अपनी जान गवानी पड़ी है। 

    प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सड़कों पर मोर्चा संभाला

    गौरतलब है कि पिछले तकरीबन दो साल से अधिक समय से लगभग पूरे देश में कोरोना संक्रमण जनित आपदा के कारण अधिकांश लोगों की दिनचर्या में व्यापक बदलाव आया है। बाहर घूमने-फिरने की प्रक्रिया पर भी कुछ हद तक लगाम लगी हुई है। जहां तक संभव हो रहा है, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा घर से ही काम की छूट दी गई है। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के बीच एक बार फिर अधिकांश लोग अपने अपने घरों में रह रहे हैं। लेकिन देश में एक वर्ग ऐसा भी है जो वास्तव में कोरोना योद्धा कहलाने योग्य है और जो लॉकडाउन के दौर में भी अधिकांश समय सड़कों पर ही रहा। निश्चित रूप से हम पुलिस प्रशासन की ही बात कर रहे हैं जिसने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सड़कों पर मोर्चा संभाले रहते है। 

    पुलिस की एक नकारात्मक छवि को गढ़ने का प्रयास 

    ऐसे में इंटरनेट मीडिया के विभिन्न मंचों के जरिए हमने अनेक ऐसे वीडियो भी देखे हैं जिनमें कई बार आम जनता भी पुलिस को बुरा-भला कहते नजर आए। दरअसल पुलिस द्वारा मास्क लगाने और शारीरिक दूरी कायम रखने के कोविड प्रोटोकाल के लिए रोकने-टोकने पर कई लोग पुलिस की एक नकारात्मक छवि को गढ़ने का प्रयास करते रहे हैं। जबकि यह वास्तविकता है कि कोरोना की आपदा के दौरान देश में लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टरों और पुलिसर्किमयों ने सराहनीय कार्य किया है। हालांकि आम जन मानस की मानसिकता में अब धीरे धीरे बदलाव आ रहे है। वास्तव में इस महामारी के दौर में देश के इन कोरोना योद्धाओं ने अतुलनीय कार्य किया है और अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोई कसर नहीं छोड़ा है। इस वैश्विक महामारी के दौर में भी पुलिस अभी भी अपनी जान को जोखिम में डालकर अपनी ड्यूटी दे रहे है लेकिन अब वे भी संक्रमित हो रहे है। जिससे पुलिस वालों के साथ-साथ उनके परिवारों की भी चिंता बढ़ना शुरू हो गया है।