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प्रतीकात्मक चित्र

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    ठाणे : वैश्विक कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में बालकों (Children) को खसरे (Measles) का टीका (Vaccine) न दिए जाने के कारण वर्तमान समय में इस बीमारी का संक्रमण बढ़ रहा है। इस पर नियंत्रण पाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग अनेकों उपाय योजना कर रहा है। साथ ही बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान भी शुरू किया गया है, लेकिन इसी बीच पता चला है कि कोकण विभाग के करीब 89 हजार 127 बालक से खसरे के टीकाकरण से वंचित (Deprived) हैं। हालांकि कोकण विभाग में आने वाले ठाणे, पालघर और रायगढ़ में इसकी संख्या बढ़ाई गई है। पालघर जिला जहां इस टीकाकरण अभियान में आगे है तो ठाणे और रायगढ़ इसमें सबसे पीछे हैं। 

    बता दें कि पिछले तीन महीनों में खसरे से बड़े पैमाने में 5 वर्ष के कम उम्र वाले बालक संक्रमित हो रहे है। ठाणे जिले में अब तक आधे दर्जन से भी अधिक बालकों को की इससे मौत हो चुकी है। जबकि 200 से भी अधिक बालक इस जानलेवा बिमारी के चपेट में आ चुके है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार कोकण परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पालघर जिला की तुलना में ठाणे और रायगढ़ जिला टीकाकरण में पीछे है। पालघर जिला में 60 हजार 470 बालकों में से 18 हजार बालक खसरे के पहले टीके से वंचित है। इसी तरह ठाणे जिले में एक लाख 55 हजार 270 बालकों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इनमें से सिर्फ एक लाख 01 हजार 260 बालको को ही टीका लगाया गया है। जबकि 54 हजार 10 विद्यार्थी अभी भी खसरे के टीका से वंचित है।  जबकि रायगढ़ में कुल 44 हजार 871 बालकों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 17 हजार 197 बालकों को अब तक टीका नसीब नहीं हो पाया है। 

    रायगढ़ के भी बालक बड़े पैमाने में टीके से वंचित है

    इस प्रकार ठाणे जिले में खसरे की पहली टीका 35 फीसदी बालकों को दूसरी टीका 40 फीसदी बालकों को नहीं मिल पाया है। इसी प्रकार पालघर में 31 फीसदी बालकों को पहला टीका और 38 फीसदी बालकों को दूसरा टीका नहीं लगाया गया है। रायगढ़ के भी बालक बड़े पैमाने में टीके से वंचित है। यहाँ पर 39 फीसदी बालकों को अब तक टीके की पहली खुराक नहीं दी गई है और 44 फीसदी विद्यार्थी दूसरे खुराक से वंचित है। 

    जिला  टीकाकरण का लक्ष्य टीके से वंचित विद्यार्थी 
    ठाणे  155270 54010
    पालघर 60470 18000
    रायगढ़ 44871 17117