ठाणे. ठाणे (Thane) के एकमात्र जवाहरबाग स्मशान (Jawaharbagh Crematorium) भूमि में मौजूद चार में से तीन विद्युत शवदाह (Electric Cremation Machines) मशीन बंद हो गए हैं। यहां के श्रमिकों ने जानकारी दी है कि मशीन पिछले दो महीने से बंद हैं। यह भी सामने आया है कि मशीन चालू होने के बावजूद अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी पर दबाव बनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान इन शवदाह मशीनों में संक्रमण के चलते होने वाले मौत के बाद शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद शहर के चार स्मशान भूमि में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इस दौरान शहर के बीचो-बीच जवाहरबाग स्मशानभूमि पर तनाव बढ़ गया। अंतिम संस्कार के लिए यहां आए लोगों को दो से तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इस स्मशान भूमि में दिन में 22 से 25 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। यहां चार विद्युत शवदाह गृह हैं, जिसमें दो विद्युत शवदाह मशीनें पहले से ही बंद था। ऐसी स्थिति में चालू दो मशीनों पर दबाव बढ़ गया था। यहां कार्यरत कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले दो महीनों से चार में से तीन विद्युत शवदाह मशीनें बंद हैं।
संबंधित ठेकेदार को भी बार-बार इस स्मशान घाट की मरम्मत के लिए कहा गया है। हालांकि यहां के कर्मचारियों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा इसे लेकर अनदेखी की जा रही है। अब हालांकि एक दिन में तीन से चार शवों का ही अंतिम संस्कार लकड़ी पर हो रहा है। कहा जा रहा है कि यहां लकड़ी पर शवों का अंतिम संस्कार किए जाने का दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह दबाव किस लिए बनाया जा रहा है।