ठाणे में भूमिगत नाला परियोजना के कामों में पेड़ों को काटा जा रहा

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    ठाणे. ठाणे (Thane) के घोडबंदर (Ghodbunder) परिसर में भूमिगत नाला परियोजना (Underground Drain Project) का काम इतनी धीमी गति से शुरू है की अब तक सिर्फ 45 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। जबकि इस काम को पूरा करने की अंतिम कालावधि मार्च 2020 थी। वहीं अब इस परियोजना में काम के दौरान करीब आधे दर्जन वृक्षों (Trees) को भी हानि पहुंचाने का मामला भी सामने आया है। जिसमें वृक्षों के जड़ और टहनियों को काटने का समावेश हैं।

    नया ठाणे के रूप में विकसित घोडबंदर परिसर में निधि के अभाव में भूमिगत नाला परियोजना अधर में लटका हुआ था। हालांकि दो वर्ष पहले ही केंद्र सरकार के अमृत योजना के अंतर्गत घोडबंदर परिसर में भूमिगत नाला परियोजना के लिए तक़रीबन 179.10 करोड़ का जंबो प्रारूप तैयार किया गया था। यह इसके पहले जेएनएनयुआरएम के अंतर्गत महानगरपालिका क्षेत्र में भूमिगत नाला परियोजना का चरण क्रमांक-1,-2 और 3 के अंतर्गत मलनिसारण योजना लागू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत महानगरपालिका की सीमा में 71 फीसदी क्षेत्र में यह योजना कार्यान्वित किया गया है। ऐसे में चरण क्रमांक-2 और 3 की शुरुआत की गई है।

    इन इलाकों का समावेश

    ऐसे में चरण क्रमांक 4 में मानपाडा, ब्रम्हांड, हिरानंदानी इस्टेट, पातलीपाड़ा, वाघबील, वियनगरी, आनंद नगर, भाईंदरपाड़ा, ओवला, कासारवडवली, नागला बंदर, गायमुख, पानखंडा, टकारडापाड़ा, सुकुरपाड़ा जैसे परिसरों का समावेश है। इस प्रकल्प के अंतर्गत 9 लाख 79  हजार 711 जनसंख्या को समाहित किया गया है। इस काम के तहत पंप हाऊस बनाने, एसटीपी प्लॉन्ट निर्माण करने, पाइपालाइन बिछाने आदि जैसे काम किए जा रहे हैं। इन कामों के लिए केंद्र सरकार से 59.665 करोड़, राज्य सरकार से 29.08 करोड़, महानगरपालिका प्रशासन की तरफ से 98.505 करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है। उल्टा महानगरपालिका प्रशासन अपनी तरफ से भी 41 करोड़ रुपए को ओढ़ी खर्च कर काम कर रही है।

    अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

    वहीं, इस भूमिगत नाला परियोजना के तहत ठाणे के घोडबंदर रोड पर आनंद नगर सिंग्नल के पास सर्विस रोड पर इस परियोजना के तहत मल निस्सारण की पाइपलाइन बिछाते समय आधा दर्जन वृक्षों के जड़ और टहनियों को संबंधित ठेकेदार द्वारा काट दिया गया, परंतु महानगरपालिका प्रशासन के किसी भी अधिकारी का ध्यान ही नहीं गया। इस संदर्भ में स्थानीय रहिवासियों ने नाराजगी जताते हर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की हैं। वहीं इस संदर्भ में टीएमसी के भूमिगत नाला परियोजना के प्रकल्प अधिकारी भरत भिवापुरकर से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।