suicide
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    उल्हासनगर : लघु उधोगनगरी के रूप में प्रसिद्ध उल्हासनगर शहर (Ulhasnagar City) में ब्याज के कारोबार से कई सूदखोर अमीर बन रहे है वहीं ब्याज का पैसा न चुकाने के कारण अब लोगों द्वारा आत्महत्या (Suicide) करने के मामले सामने आने लगे है। हाल ही में पठानी ब्याज से तंग आ चुके एक व्यक्ति ने ट्रेन के नीचे लेटकर अपनी जान दे दी। वहीं सूदखोरों से परेशान एक महिला ने आत्महत्या की कोशिश की। इन घटनाओं के चलते अब शहर में ब्याजखोरों (Moneylenders) के प्रति दबी जुबान से नाराजगी बढ़ रही है। 

    पहली घटना उल्हासनगर कैम्प नंबर 5 निवासी गिरीश चुग की है। गिरीश ने आत्महत्या करने से चंद मिनट पहले अपने मोबाइल से अपना वीडियो बनाया। उस वीडियो में गिरीश ने विस्तार से बताया कि उसने किससे कितने रुपए लिए है और पैसे न चुका पाने और जिससे रुपए उधार लिए उन लोगों  द्वारा अपमानित करने की वजह से वह आत्महत्या कर रहा है। 25 जनवरी को चुग ने मात्र 1 लाख रुपए न अदा कर पाने के कारण अंबरनाथ-बदलापुर रेलवे स्टेशनों के बीच की रेल पटरी पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। मृत्यु के पूर्व बनाया गया वीडियो चुग की मौत के बाद वायरल हुआ जो आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है। 

    वहीं उल्हासनगर में महिला ने कर्ज लिए पैसे के ब्याज को लेकर ब्याजखोरों से तंग आकर फिनाइल पीकर आत्महत्या करने कि घटना सामने आयी है। दो घटनाओं के उजागर होने के बावजूद ब्याजखोरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के हद्द में आने वाले कैम्प क्रमांक-1, शहाड फाटक क्षेत्र में रुबीना अंसारी महिला अपने परिवार के साथ रहती है कुछ साल पहले रूबीना ने कर्ज पर तीस हज़ार रुपए लिए थे। कर्जा और ब्याज देने के बाद भी लाखों रुपए ब्याज बाकी के कारण सावकार के लोगों ने महिला के घर में घूसकर घर हड़प और मारपीट, गाली गलौज कर ब्याज वसूलने को कोशिश की। इस घटना से दुखी रुबीना अंसारी ने 27 जनवरी की दोपहर दो बजे खुदकुशी का प्रयास किया है।