कल्याण में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट में दिखा भाईचारा, जानें क्या है पूरा मामला

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    कल्याण : राजनीति (Politics) में कब क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही कल्याण की खाड़ी पर देखने को मिला जहां पुरानी दोस्ती की हवा चली जिससे सियासी गलियारों में गरमागरम चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ठाकरे समूह के जिला अध्यक्ष विजय साल्वी (Vijay Salvi) को पुलिस की ओर से नोटिस मिलने के बाद शिंदे गुट के विधायक विश्वनाथ भोईर (MLA Vishwanath Bhoir) उनकी मदद के लिए दौड़ते दिखे। इस घटना से ठाकरे-शिंदे गुट (Thackeray-Shinde Group) की पुरानी दोस्ती का खुलासा हो गया। 

    पुलिस ने ठाकरे गुट के जिला अध्यक्ष विजय उर्फ ​​बंड्या सालवी को तड़ीपार करने का नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस के बाद शिंदे धड़े में गए कल्याण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक विश्वनाथ भोईर उनकी मदद के लिए दौड़ पड़े हैं। विधायक विश्वनाथ भोईर ने शिंदे गुट कुछ पूर्व पार्षदों के साथ कल्याण पुलिस परिमंडल 3 के पुलिस उपायुक्त सचिन गुंजाल से मुलाकात की और सालवी के खिलाफ कोई अनुचित कार्रवाई नहीं करने की मांग की। प्रदेश में पहली बार चल रही गर्मागर्म सियासत में शिंदे गुट का कोई विधायक ठाकरे गुट के किसी पदाधिकारी की मदद के लिए आगे आया है। 

    बदला लेने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है

    राज्य में दोनों गुटों का सत्ता संघर्ष जहां अदालतों में चल रहा है, वहीं कल्याण में एक अलग तरह की राजनीति देखने को मिली है। कुछ दिनों पहले पुलिस ने ठाकरे समूह के कल्याण महानगर प्रमुख और कल्याण मुरबाड़ शिवसेना के जिला प्रमुख विजय सालवी को तड़ीपार किए जाने का नोटिस भेजा था। पुलिस ने सालवी को जवाब देने का समय दिया हैं। इस नोटिस पर सालवी ने आरोप लगाया था कि बदला लेने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। दो दिन पूर्व सालवी ने सैकड़ों समर्थकों के साथ एसीपी कार्यालय पहुंच अपना जवाब दाखिल किया था। पुलिस में मामला चल रहा था कि शिंदे गुट के विधायक विश्वनाथ भोईर ने शिंदे गुट के पार्षदों के साथ डीसीपी सचिन गुंजाल से मुलाकात की। 

    विजय सालवी के साथ कोई अन्याय नहीं हो

    इस अवसर पर विधायक विश्वनाथ भोईर, पूर्व पार्षद मोहन उगले, जयवंत भोईर, प्रभुनाथ भोईर, रवि पाटिल, सुनील वैले, श्रेयस समेल, परिवहन सदस्य सुनील खारुक आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर विश्वनाथ भोईर ने कहा कि विजय साल्वी और हमारा पारिवारिक रिश्ता है। हमने आपके साथ काम किया है। यह कार्रवाई जवाबी कार्रवाई नहीं थी। उसके खिलाफ राजनीतिक मामला दर्ज किया गया है। यह एक रूटीन प्रक्रिया है लेकिन पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए ताकि विजय सालवी के साथ कोई अन्याय नहीं हो। विधायक विश्वनाथ भोईर के इस कदम की वजह से सियासी गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है।