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उल्हासनगर : महानगरपालिका क्षेत्र (Municipal Area,) में 40 से 50 साल पुरानी सीवरेज व्यवस्था (Sewerage System) को मजबूत करने के लिए शहर में अमृत फेज टू में नई अंडरग्राउंड सीवरेज योजना (Underground Sewerage Scheme) को मंजूरी दी गई है। 416 करोड़ 66 लाख के इस कार्य के लिए नगर विकास विभाग (City Development Department) ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है। जिसमें पुराने सीवेज सिस्टम को बदलकर अपडेट किया जाएगा और साथ ही इसमें सीवेज चैनल, चेंबर और सीवेज ट्रीटमेंट सेंटर का निर्माण किया जाएगा। 

उल्हासनगर शहर की जनसंख्या बड़े पैमाने पर बढ़ रही है। इसके कारण शहर में सभी बुनियादी ढांचे पर बोझ भी बढ़ रहा है। शहर की मलनिस्सारण व्यवस्था बतकरीबन 40 से 50 साल पुरानी है। कई जगहों पर नालियों का पानी सड़कों पर बहते दिखता है। वही यह पानी वालधुनी और उल्हास नदी को दूषित करते देखा जासकता है। दो महीने पहले, मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की मांग के अनुसार मलनिस्सारण योजना को मंजूरी दे दी गई थी। इसके बाद इस योजना पर राज्य के नगर विकास विभाग को 416 करोड़ 66 लाख रुपए की इस योजना की प्रशासनिक मंजूरी दे दी गई है। यह योजना केंद्र सरकार की अमृत योजना केंद्र, राज्य और स्थानीय महानगरपालिका के माध्यम से लागू की जाएगी।

सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने इस योजना के लिए निधी प्रदान करने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग की थी। तदनुसार इस योजना को मंजूरी दे दी गई है। योजना के लिए 416 करोड़ 66 लाख का खर्च अपेेक्षित है। इसमें 138 करोड़ 87 लाख केंद्र सरकार, राज्य सरकार 152 करोड़ 79 लाख और 125  करोड़ रुपए उल्हासनगर महानगरपालिका को देने होंगे। 

यह काम होंगे 

  1. मलनिस्सारण पाइप लाइन लंबाई 228 किलोमीटर। 
  2. मलशुद्धीकरण केंद्र का निर्माण करना 19.50 एमएलडी लीटर क्षमता वाला। 
  3. नई पाइप लाइन से 44 हजार 720 नागरिकों के कनेक्शन जोड़े जाएगे। 
  4. मलनिस्सारण योजना के तहत शहर के चार विविध विभाग में संकलन व्यवस्था स्थापित की जाएगी और खेमानी, शांतीनगर, खडेगोलवली, वडोलगांव में केंद्र और लाइन डाली जाएगी और शांती ननगर में मलनिस्सारण केंद्र बनाया जाएगा।