Kapil Patil

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    अंबरनाथ : अंबरनाथ तहसील (Ambernath Tehsil) के करवले गांव (karvale village) परिसर में मुंबई महानगरपालिका (‍BMC) और उसाटने गांव (Usatene Village) क्षेत्र में उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) की घनकचरा व्यस्थापन परियोजना लागू की जाने वाली है। हालांकि दोनों परियोजनाओं का जहां पहले से ही ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है, वहीं भिवंडी के भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री कपिल पाटिल (Union Minister Kapil Patil) ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में डंपिंग ग्राउंड (Dumping Grounds) बनाने का विरोध किया है। उनका मानना है कि शहरी कचरे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों की परेशानी बढ़ेगी और उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। 

    केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल ने अंबरनाथ तालुका में प्रस्तावित डंपिंग का विरोध करते हुए कहा कि मुंबई, ठाणे और उल्हासनगर महानगरपालिकाओं को अपनी सीमा के भीतर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं को लागू करना चाहिए, अंबरनाथ तालुका के ग्रामीण इलाके में एक विवाह समारोह में भाग लेने के दौरान उन्होंने उक्त बात कही। 

    पिछले दो वर्षों से परियोजना का विरोध 

    2 साल पहले राज्य सरकार ने अंबरनाथ तालुका के अंतर्गत आने वाले करवले क्षेत्र में डंपिंग  परियोजना के लिए 100 एकड़ भूमि बीएमसी को हस्तांतरित की थी। स्थानीय लोगों द्वारा पिछले दो वर्षों से इस परियोजना का विरोध किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इसी तालुका के उसाटने क्षेत्र में उल्हासनगर महानगरपालिका को डंपिंग  परियोजना के लिए 30 एकड़ भूमि हस्तांतरित की है। 

    डंपिंग परियोजनाओं से ग्रामीणों को परेशानी

    ग्रामीणों के विरोध के कारण पिछले दो वर्षों से प्रशासन को यह परियोजना लागू करने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में भिवंडी लोकसभा क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल पाटिल ने भी मुंबई, ठाणे और उल्हासनगर महानगरपालिकाओं के ग्रामीण क्षेत्रों में इस परियोजनाओं पर अपना विरोध व्यक्त किया है। पाटिल ने कहा कि भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीन उपलब्ध है, लेकिन अगर डंपिंग परियोजनाओं से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है तो ऐसी परियोजनाएं स्थापित नहीं की जानी चाहिए। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के मामले में ठाणे जिला देश में बहुत पीछे है। 

    छोटी-छोटी ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्थापित करने की सलाह 

    उन्होंने कहा कि कर्नाटक और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में ग्राम पंचायत स्तर पर ठोस कचरे पर सफल प्रयोग किए जा रहे है। यहां पर भी प्रशासन को इस तरह के प्रयोग करने की  आवश्यकता है। जबकि अंबरनाथ तालुका के ग्रामीण क्षेत्रों में डंपिंग स्थापित करके यहां के नागरिकों को परेशान किया जा रहा है। पाटिल ने मुंबई, ठाणे और उल्हासनगर महानगरपालिकाओं को अपनी सीमा के भीतर छोटी-छोटी ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्थापित करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में उक्त महानगरपालिकाओं से भी पूछा जाएगा। इसलिए जहां ग्रामीण पहले से ही करवले और उसाटने में डंपिंग का विरोध कर रहे हैं, वहीं अब केंद्रीय मंत्री के विरोध से मुंबई और उल्हासनगर महानगरपालिकाओं की प्रस्तावित डंपिंग परियोजना की समस्याएं और बढ़ जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।