लॉकडाउन में स्थगित शादियों ने अब पकड़ा जोर

  • ठाणे में प्रतिदिन विवाह बंधन में बंध रहे औसतन 20 जोड़े

Loading

ठाणे. कोरोना का संकट (Corona crisis) अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन लॉकडाउन (Lockdown के दौरान जो युवक-युवती शादी (wedding) के बंधन में बंधने से रह गए थे, अब वह विवाह करते दिखाई दे रहे है। ठाणे विवाह पंजीयन कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले डेढ़ महीनों में करीब 444 जोड़ों ने शादी की है। इस प्रकार प्रतिदिन बिना मुहूर्त के करीब 10 से 15 और मुहूर्त के दिन 25 से 30 जोड़े अपना घर संसार बसा रहे हैं. 

राज्य में मार्च महीने में कोरोना संक्रमण (Corona infection) बढ़ने के बाद से राज्य में 17 मार्च से और देश में 22 मार्च से लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसके कारण सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी। क्योंकि मार्च, अप्रैल, मई और जून महीनों विवाह के सर्वाधिक मुहूर्त रहे हैं और कई लोगों ने इन महीनों में अपने विवाह की तारीख भी तय करा रखी थीं, लेकिन कोरोना के संक्रमण के चलते और लॉकडाउन के कारण कई जोड़ों का विवाह इन महीनों में नहीं हो पाया था।

हालांकि इसके बाद सरकार ने लॉकडाउन में शिथिलता लाते हुए विवाह समारोह के आयोजन के लिए हरी झंडी तो दे दी थी, लेकिन इस दौरान भी मात्र 50 लोगों को विवाह समारोह में आमंत्रित करने की अनुमति थी। लेकिन इसके बावजूद कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते कई जोड़ों ने सार्वजनिक तौर पर अपना विवाह रद्द कर दिये थे। अब ये जोड़े विवाह बंधन में बंधते नजर आ रहे हैं।

दीपावली के बाद तुलसी विवाह के उपरांत लोग विवाह बंधन में बंध रहे हैं। दिसंबर महीने के पहले दो सप्ताह में अधिक मुहूर्त होने के कारण और कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक संकटों को ध्यान में रखते हुए लोग बड़ी संख्या में पंजीकृत विवाह पर जोर देते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में ठाणे दुय्यम निबंधक पंजीयन कार्यालय में प्रतिदिन पंजीकृत विवाह पर नजर डालें तो कार्यालय में 10 से 15 और वैवाहिक मुहूर्त के दिन 25 से 30 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे।

इस प्रकार नवंबर महीने के अंतिम से लेकर 15 दिसंबर के बीच करीब 444 जोड़ों ने अपना विवाह किया है। जो कि इस वर्ष का सर्वाधिक आंकड़ा है। इस संदर्भ में ठाणे के सह दुय्यम निबंधक व विवाह अधिकारी जी आर पवार का कहना है कि कोरोना के संक्रमण कला के कारण कई जोड़े विवाह बंधन में नहीं बंध पाए थे, लेकिन अब सरकार शिथिलता लाने के कारण युवा विवाह बंधन में बंध रहे हैं।