ठाणे: आज के युवाओं में जल्द से जल्द अमीर (Rich) बनने की लालच उन्हें अपराध (Crime) की ओर रुख करने को मजबूर कर रही हैं। जल्दबाजी में अमीर बनने के लिए युवा ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) और अन्य घटनाओं को अंजाम देते नजर आ रहे है। ऐसे ही जल्दबाजी में अमीर बनने वाले कई युवाओं को ठाणे पुलिस (Thane Police) ने गिरफ्तार (Arrested) कर जेल (Jail) की सलाखों के पीछे भेज दिया है।
ठाणे पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में अधिकतर युवाओं का समावेश है। गिरफ्तार युवाओं का उद्देश्य केवल पैसा जल्दी कमाकर अपनी जरूरतों को पूरा करने और दोस्तों के साथ अय्याशी करना है। पुलिस द्वारा किए गए इस खुलासे से यह स्पष्ट हो रहा है कि आज का युवा पैसे कमाने के जाल में अपराध की दुनिया में तेजी से कद रख रहा है।
पैसों के अभाव में कर रहे अपराध
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना और उस वजह से लॉकडाउन के कारण युवाओं का कॉलेज और उनकी पॉकेट मनी बंद हो गई थी। पहले युवा पॉकेट मनी के सहारे अपनी जरूरतें पूरी करतें थे, लेकिन पैसों के अभाव में युवाओं द्वारा क्राइम को अंजाम देते हुए पाया गया है। ठाणे पुलिस आयुक्तालय के ठाणे शहर परिमंडल अंतर्गत जनवरी से लेकर अगस्त महीने तक कुल 618 आरोपियों को पुलिस ने विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा मिली जानकारी के आधार पर इसमें सबसे अधिक युवा अपराधियों का समावेश है।
लक्जरी लाइफ स्टाइल
युवा महंगे मोबाइल, बाइक्स, लैपटॉप जैसी कई सुविधाएं चाहते हैं। यही कारण है कि वे इस तरह की अनावश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए चोरी और लूट जैसी वारदातों को अंजाम देते है। कॉलेज में गर्लफ्रेंड बनाने के बाद उसके सामने खुद को आर्थिक रुप से मजबूत दिखाने के लिए वे चोरियां करते है। महिला साथी को महंगे उपहार देने और उसे होटलों में ले जाने का खर्च जुटाने के लिए भी वे अपराध की ओर अग्रसर होते हैं।
साथियों से प्रतिस्पर्धा
कॉलेजों में मध्यम और सामान्य वर्ग के छात्रों के साथ उच्च वर्ग के छात्र भी पढ़ते हैं। कई बार सामान्य परिवारों के छात्र इन छात्रों की होड़ करने के लिए अपराधों के जरिए कमाई करने का रास्ता अपनाते है। कई बार अनावश्यक जरूरतों की पूर्ति साथियों से उधार लेकर करते हैं। पैसे नहीं चुकाने की स्थिति में वे अपराध करना ही पड़ता है।
पार्टियों की मस्ती
बाहर से आकर रहने वाले छात्र पार्टियों के आदी हो जाते है। दोस्तों के साथ उनकी आए दिन पार्टियां होती है। ऐसी ही पार्टियों के रास्ते युवाओं को शराब की लत भी पड़ जाती है। इसमें होने वाले खर्च की पूर्ति माता-पिता से मिलने वाली पॉकेट मनी से तो होने से रही।
हुक्का बार की चाहत
शहर में कई जगह खुले शीशा लाउंज और हुक्का बारों पर पहुंचने वालों में भी युवाओं की तादाद काफी रहती है। इनके खर्च के लिए भी युवा अपराध को अंजाम देते है। पेरेंट्स से मिले फीस के पैसों को युवा यहीं उड़ा देते हैं। ऐसे में फीस का इंतजाम करने के लिए गलत रास्ते अपनाते हैं। पढ़ाई के साथ अधिकतर युवा किसी भी चीज को पाने के लिए शॉर्टकट अपनाते हैं। छोटे शहरों और शहरों से बड़े शहरों में आने वाले छात्र ग्लैमर की चकाचौंध में खो जाते है। इन पर पेरेंट्स और कॉलेज का नियंत्रण भी नहीं रहता है। पेरेंट्स बच्चों को पढ़ाई का पैसा भेजना ही जिम्मेदारी मानते हैं।
युवाओं को उचित मार्गदर्शन की जरूरत है। युवाओं का उचित मार्गदर्शन कर उन्हें इन गलत रास्तों पर भटकने से रोका जा सकता है।
- अनिल कुंभारे,अतिरिक्त आयुक्त, ठाणे पुलिस आयुक्तालय
ये हैं चौकाने वाले आंकड़े
क्राइम | मामले |
हत्या | 11 |
हत्या का प्रयत्न | 17 |
डकैती | 58 |
चेन स्नेचिंग | 21 |
चोरी | 405 |
ठगी | 106 |